फोर्ब्स लिस्ट के अनुसार एशिया के सबसे बड़े दानवीर हैं भारत के ये कारोबारी…

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इस सूची में ऐसे दानवीरों के नाम शामिल हैं, जिन्होंने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में परोपकारी कारणों के लिए एक मजबूत व्यक्तिगत प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है।

गौतम अडानी ने 60 हजार करोड़ रुपये दान किए

गौतम अडानी इस साल जून में 60 साल के हो गए और इस अवसर पर उन्होंने 60,000 करोड़ रुपये (7.7 अरब अमेरिकी डॉलर) दान देने की घोषणा की। फोर्ब्स की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि इसी कारण उन्हें भारत के सबसे उदार परोपकारी लोगों की सूची में रखा गया है।

अडानी ने यह पैसा स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कौशल विकास के लिए दान किया और परिवार द्वारा संचालित अडानी फाउंडेशन के माध्यम से खर्च किया जाएगा, जिसे 1996 में स्थापित किया गया था। बता दें कि हर साल अडानी फाउंडेशन पूरे भारत में लगभग 3.7 मिलियन लोगों की मदद करता है।

शिव नाडर दूसरे नंबर पर

अरबपति शिव नाडर भी भारत में शीर्ष दानदाताओं में गिने जाते हैं, जिन्होंने कुछ दशकों में अपनी संपत्ति का 1 बिलियन अमरीकी डॉलर के करीब शिव नाडर फाउंडेशन  के माध्यम से विभिन्न सामाजिक कारणों में लगाया है। पिछले 1 साल में शिव नाडर ने 1161 करोड़ रुपए दान किए हैं। इस हिसाब से मानें तो उन्होंने प्रतिदिन तीन करोड़ रुपए दान किए हैं।

इस वर्ष उन्होंने शिक्षा के माध्यम से व्यक्तियों को सशक्त बनाकर एक न्यायसंगत, योग्यता आधारित समाज बनाने का इरादा रखते हुए 11,600 करोड़ रुपये (142 मिलियन अमरीकी डालर) का दान दिया। ये राशि उन्होंने 1994 में स्थापित शिव नाडर फाउंडेशन में दी।

एचसीएल टेक्नोलॉजीज के सह-संस्थापक शिव नाडर ने फाउंडेशन के माध्यम से स्कूलों और विश्वविद्यालयों जैसे शैक्षणिक संस्थानों को स्थापित करने में मदद की है, जो कला और संस्कृति को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने 2021 में आईटी सेवा कंपनी में कार्यकारी भूमिकाओं से इस्तीफा दे दिया था।

टेक टाइकून अशोक सूटा तीसरे नंबर पर

टेक टाइकून अशोक सूटा ने उम्र बढ़ने और न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के अध्ययन के लिए अप्रैल 2021 में स्थापित चिकित्सा अनुसंधान ट्रस्ट को 600 करोड़ रुपये (75 मिलियन अमरीकी डालर) देने का वादा किया है। उन्होंने 200 करोड़ रुपये के साथ SKAN— Scientific Knowledge for Ageing and Neurological ailments की शुरुआत की, जिसकी राशि उन्होंने अब तीन गुना कर दी है।

मलेशियाई-भारतीय व्यवसायी भी लिस्ट में शामिल

मलेशियाई-भारतीय व्यवसायी निजी इक्विटी फर्म क्रिएडोर के संस्थापक और सीईओ ब्रह्मल वासुदेवन और उनकी पत्नी शांति कंडिया मलेशिया और भारत में स्थानीय समुदायों को क्रिएडर फाउंडेशन के माध्यम से मदद करते हैं। इसे उन्होंने 2018 में स्थापित किया था। इस साल मई में उन्होंने पेराक राज्य में यूनिवर्सिटी टुंकू अब्दुल रहमान (यूटीएआर) कैंपर परिसर में एक शिक्षण अस्पताल बनाने में मदद करने के लिए 50 मिलियन मलेशियाई रिंगित (11 मिलियन अमरीकी डालर) दान देने की घोषणा की।

Compiled: up18 News