AAP ने दिया बड़ा झटका, दिल्‍ली में आज से बंद हो जाएगी सब्सिडी वाली बिजली

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आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने लोगों को दी जाने वाली फ्री बिजली सब्सिडी पर रोक लगाने का एलान कर दिया है. ऊर्जा मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा, ‘आज से दिल्ली के लोगों को दी जाने वाली सब्सिडी वाली बिजली बंद कर दी जाएगी. यानी कल से सब्सिडी वाले बिल नहीं दिए जाएंगे.’

आतिशी ने बताया ये कारण

आतिशी ने इसका कारण बताते हुए कहा, ‘फ्री बिजली सब्सिडी बंद कर दी गई है क्योंकि आप सरकार ने आने वाले वर्ष के लिए सब्सिडी जारी रखने का निर्णय लिया है, लेकिन वह फाइल दिल्ली एलजी के पास है और जब तक फाइल वापस नहीं आती है, तब तक आप सरकार सब्सिडी वाला बिल जारी नहीं कर सकती है.’ आप का ये फैसला दिल्ली की जनता के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है.’

एलजी ने दी सफाई

दिल्ली में मुफ्त बिजली सब्सिडी को लेकर मंत्री आतिशी के बयान पर दिल्ली के एलजी कार्यालय से भी प्रतिक्रिया आ गई है. राजभवन से जारी बयान में कहा गया है कि बिजली मंत्री को सलाह दी जाती है कि एलजी के खिलाफ अनावश्यक राजनीति और निराधार झूठे आरोपों से बचें. उन्हें झूठे बयानों से लोगों को गुमराह करना बंद देना चाहिए. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बिजली मंत्री को जनता को जवाब देना चाहिए कि इस संबंध में फैसला 4 अप्रैल तक लंबित क्यों रखा? जबकि समय सीमा 15 अप्रैल थी? एलजी को 11 अप्रैल को ही क्यों भेजी गई फाइल? और 13 अप्रैल को चिट्ठी लिखकर और आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नौटंकी की क्या जरूरत है?

सीएम और एलजी के बीच तकरार

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार और राजनिवास के बीच पिछले कई माह से बिजली सब्सिडी को लेकर तकरार जारी है. सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकार मुफ्त बिजली-पानी पर सब्सिडी पहले की तरह जारी रखना चाहती है, जबकि एलजी ने एक पत्र के जरिए सुझाव दिया था कि सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के अकाउंट में भेजे जाएं.

बता दें कि दिल्ली में जब से आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में आई है, तभी से बिजली और पानी बिलों पर उपभोक्तओं को सब्सिडी का लाभ मिल रहा है. अक्टूबर 2022 ने अरविंद केजरीवाल सरकार ने मुफ्त बिजली की योजना में बदलाव करते हुए मांगे जाने पर सब्सिडी देने की बात कही थी. इससे लगभग 25 प्रतिशत लोग सरकार के बिजली सब्सिडी दायरे से बाहर हो गए थे.

300 करोड़ का हो रहा नुकसान

इस मसले पर दिल्ली के मुख्य सचिव ने हाल ही में एक रिपोर्ट के जरिए बताया था कि डीईआरसी के निर्देशों का पालन न होने से सरकार को 300 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. सरकार इस मसले पर ध्यान दे तो इस नुकसान से बचा जा सकता है. रिपोर्ट आने के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने दिल्ली सरकार को जल्द स्पष्टीकरण देने को कहा था.