मध्य प्रदेश के सिरोही में एक अजीब घटना सामने आई है। सिरोही जनपद में महिला पुलिस थाने में एक मामला दर्ज हुआ जिसमे वादिनी का आरोप था कि मेडा निवासी शंकर (25) मेरी नाबालिग बेटी को बहला फुसला कर ले गया और दो दिनों तक उसने उसका रेप किया। जिसके बाद उसे ऑटो रिक्शा में बैठाकर सारणेश्वरजी से थोड़ी दूरी पर छोड़कर शिवगंज की तरफ चला गया।
नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म की जानकारी होते ही पुलिस तुरंत एक्शन मोड़ में आ गई। मामला दर्ज कर आरोपी शकर की तलाश जारी हो गई मगर पुरे मेडा में कोई शंकर नाम का युवक पुलिस को मिला ही नही। जिसके बाद पुलिस ने फिर पीड़िता से आरोपी युवक के बारे में पूछताछ किया। पीड़िता के बताए हुलिए के आधार पर पुलिस ने एक आरोपी युवक को 5 दिसंबर हिरासत में ले लिया और पीडिता से शिनाख्त भी करवाया और फिर आरोपी युवक से पूछताछ जारी कर दिया। मगर आरोपी युवक नाबालिग को साथ ले जाने की बात तो मान रहा था मगर इस बात को कबूल ही नही कर रहा था कि उसने रेप किया है। उसका कहना था कि वह रेप कर ही नही सकता है।
आखिर पुलिस ने उससे पूछा कि वह ऐसा क्यों कह रहा है कि वह रेप कर ही नही सकता है। जिसके बाद गिरफ्तार युवक ने बताया कि वह युवक नही बल्कि खुद एक युवती है। शुरू में तो पुलिस ने उसकी बात पर यकीन ही नही किया और उससे पूछताछ करती रही। मगर जब आरोपी अपने बयान से नही बदला तो पुलिस ने इसकी जानकारी अपने अधिकारियो को दिया। अधिकारियो के संज्ञान में मामला आने के बाद उन्होंने आरोपी का मेडिकल करवाने का आदेश दिया और एक मेडिकल बोर्ड गठित कर जब आरोपी का मेडिकल होता है तो रिपोर्ट में आता है कि आरोपी वास्तव में एक युवती है।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसकी एक 3 साल की बेटी भी है। पति द्वारा छोड़े जाने के बाद से वह युवक बनकर रह रही है। वह उस नाबालिग किशोरी को लेकर तो गई थी मगर उसका रेप नही किया क्योकि वह रेप कर ही नही सकती है। मेडिकल बोर्ड में डॉ वीणा और डॉ राशि थी। उनकी रिपोर्ट भी आरोपी के सम्बन्ध में कह रही थी कि वह एक युवक नही बल्कि युवती है। मेडिकल जांच में युवक के औरत होने की पुष्टि होने पर आरोप लगाने वाली नाबालिग लड़की की मां और उसकी मौसी से भी मेडिकल बोर्ड की टीम ने बातचीत किया। जिसमे दोनों ने मेडिकल बोर्ड की बात सुनकर यह बात स्वीकारी कि उनकी बच्ची झूठ बोल रही है।
इसके बाद पुलिस ने ने रेप का मामला झूठा पाया और नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने के अपराध में आरोपी युवती का चालान करके अदालत में पेश किया जहा से उसको न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। मुश्किलें यहाँ भी पुलिस का पीछा नही छोड़ी और पता चला कि सिरोही जिला जेल में कोई भी महिला कैदी नहीं है। इसके बाद उसको जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया। वहां उसे देखने के बाद जेल के अधिकारी भी चौंक गए। उन्होंने महिला थाना के पुलिस अधिकारियों से कहा कि इस आदमी को यहां क्यों लाए हो। जब उन्हें हकीकत बताई गई कि यह पुरुष नहीं महिला है तो एक बार तो उन्हें भी यकीन नहीं हुआ। फिलहाल आरोपी युवती जोधपुर जेल में बंद है।
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.