अखिलेश यादव में बहुजन नायक कांशीराम की झलक, मनुवादियों के लिये होगा सबक !

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-विनय कुमार मौर्या-

दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यको का जीत रहें विश्वास…तो उत्तर प्रदेश में सपा रचेगी इतिहास ?

विनय कुमार मौर्या
विनय कुमार मौर्या

वाराणसी। यूपी की सियासत में अपने बेहतरीन रणनीति की बदौलत सत्तासीनों के छक्के छुड़ा रहे सपा मुखिया अखिलेश यादव एक परिपक्व राजनीतिज्ञों में शुमार हो चुके हैं। वह पिता मुलायम सिंह की तरह राजनीति के हर दांव पेंच से विरोधियों को न सिर्फ चारो खाने चित्त कर रहे हैं। बल्कि उनका वॉर उनपर ही आजमा रहे हैं। सपा मुखिया ने मुख्य मुकाबले की पार्टी बीजेपी की उस जुबान को भी बन्द कर दिया है। जिसके बिनाह पर वह परिवारवाद का आरोप लगाती रही है। इसलिए परिवारवाद के आरोप से बचने के लिये इसलिए उन्होंने अपने कुनबे से पर्याप्त दूरी बनाकर खुद ही वन मैन आर्मी के तौर पर निर्णय लेते आ रहे हैं.

सपा प्रमुख अखिलेश ने पार्टी की पूरी तरह से ओवरहॉलिंग कर दी है। साथ ही सैफई परिवार के हस्तक्षेप से मुक्त भी। यही कारण रहा कि वह इस चुनाव में अपने कुछ खास सिपहसालारों के साथ सारी सियासी बिसात बिछाये हैं।
अखिलेश यादव ने इस चुनाव में विरोधियों को कोई ऐसा मौका नहीं छोड़ा जिससे विरोधी उन पर उंगली उठा सकें। साथ ही अखिलेश यादव ने बहुजन नायक कांशीराम की तरह समाज के दलितों पिछड़ों व अल्पसंख्यको को एक मंच पर यथोचित सम्मान स्थान दिया है। आज जिस प्रकार से दलितों पिछड़ों अल्पसंख्यकों को सपा मुखिया ने एक माला में पिरोने का काम किया है। यह विद्या अखिलेश यादव में मान्यवर कांशीराम की शैली जैसी लगी।
यकीन आज वह सपा से छिटके हुये शोषितों वंचितों का विश्वास जीत लिया है।

क्यों सपा बन गयी स-सबकी पा-पार्टी :-

पश्चिम से पूरब की तरफ फर्राटे भरते आ रही साईकिल की चर्चा मीडिया सोशल मीडिया पर जोरों से है। कारणों पर गौर करें तो पाएंगे कि सपा ने न सिर्फ अपनीकमियों को सुधारा है बल्कि रणनीतियों को बेहद सधे तरीक़े से धरातल पर रखा है। सनद होगा कि सपा पर अक्सर यह आरोप लगता रहा है कि यह मात्र यादवों मुस्लिमों को पद प्रतिष्ठा और प्रतिनिधित्व देती है। बाकी गैर यादवों पिछड़ों दलितों को नहीं। मगर इस बार सपा मुखिया अखिलेश यादव ने संगठन समेत टिकट वितरण में सबकी भागीदारी सुनिश्चित की है। टिकट वितरण में किसी की बहुत पैरवी नहीं चलने दी.

खासकर उनकी जो धरातल पर काम करने के बजाय मठाधीशी ज्यादा करते थें। साथ अखिलेश ने जनता के अंतर्मन को छुआ और महंगाई से जूझ रही जनता को 300 यूनिट बिजली समेत किसानों, महिलाओं और बेरोजगारों के लिए कई लुभावने वादे किए. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घोषणा पत्र को जारी किया और कहा कि अगर उनकी सरकार बनीं तो वो राज्य में घरेलू इस्तेमाल के लिए 300 यूनिट बिजली मुफ्त देंगे. इसके साथ ही उन्होंनें रोजगार, किसानों के लिए खाद और गैस सिलेंडर को लेकर कई वादे किए। जिनमें सरकारी नौकरी के सभी 11 लाख पदों को भरा जाएगा।

सभी फसलों के लिए एमएसपी दिया जाएगा। छोटे किसान को 2 बोरी डीएपी और 5 बोरी यूरिया दिया जाएगा। सभी बीपीएल परिवार को 2 सिलेंडर साल में फ्री दिया जाएगा। गन्ना किसानों के 15 दिन में भुगतान किया जाएगा। किसानों को 4 साल के भीतर कर्ज मुक्त किया जाएगा ।किसानों के लिए ऋण मुक्ति कानून बनेगा।2 एकड़ से कम खेती वाले को खाद मुफ्त दी जाएगी।

बीपीएल परिवारों को प्रतिवर्ष 2 सिलेंडर दिए जाएंगे, अर्बन एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट बनेगा। दरअसल इन सब घोषणाओं में एक बात यह भी प्रमुख है कि सपा मुखिया ने पुरानी पेंशन बहाली को भी अपनी सरकार आने पर बहाल करने का वादा किया है, यह उनका मास्टरस्ट्रोक है। उन्होंने यह वादा कर 28 लाख सरकारी कर्मचारी पेंशनरों के परिवारों को अपनी तरफ खींच लिया है। साथ ही किसानों मजदूरों बेरोजगारों के एक बड़े वर्ग के चहेते हो गये हैं। बाकी संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का आश्वासन भी सपा को सबकी पार्टी बना चुकी है।

-विनय कुमार मौर्या-