रूस ने अपने कब्जे वाले चार यूक्रेनी क्षेत्रों में ‘जनमत संग्रह’ जीतने का दावा किया है। माना जा रहा है कि इसे मॉस्को दूसरे इलाकों को कब्जे में लेने के लिए आधार के रूप में इस्तेमाल कर सकता है, साथ ही इन पर हमलों की स्थिति में अपनी संप्रभुता को खतरा बताते हुए बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे सकता है। इस बात को जानकारी मीडिया ने बुधवार को दी। बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन 30 सितंबर को संसद को संबोधित करने जा रहे हैं, जहाँ वे जनमत संग्रह के परिणामों के आधार पर इन इलाकों को रूस में मिलाने की घोषणा करेंगे।
रूस ने कब्जे वाले यूक्रेनी क्षेत्रों में चार ‘जनमत संग्रह’ जीतने का दावा किया है। इसे मॉस्को दूसरे इलाकों को कब्जे में लेने के लिए आधार के रूप में इस्तेमाल कर सकता है। इस बात को जानकारी मीडिया ने बुधवार को दी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को डोनेट्स्क और लुहान्स्क के अलगाववादी पूर्वी क्षेत्रों के साथ-साथ दक्षिणी खेरसॉन और जापोरिज्जिया क्षेत्रों के रूस के कब्जे वाले हिस्सों में मतदान हुआ था। इन क्षेत्रों में चार मिलियन लोगों को मतदान करने के लिए कहा गया था, जो यूक्रेन के क्षेत्र का लगभग 15 प्रतिशत है।
रूस में बिखरे हुए शरणार्थी भी दर्जनों मतदान केंद्रों पर मतदान करने में सक्षम थे, जिसमें क्रीमिया भी शामिल है। 2014 में रूस ने दक्षिणी यूक्रेनी द्वीप क्रीमिया पर भी कब्जा कर लिया था।
पुतिन 30 सितंबर को कर सकते हैं इन इलाकों को रूस में मिलाने का ऐलान
जैसा कि ज्ञात है, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार को देश की संसद के दोनों सदनों को संबोधित करने वाले हैं, यहाँ वह औपचारिक रूप से यूक्रेन के मास्को के कब्जे वाले क्षेत्रों को रूस में शामिल किए जाने की घोषणा कर सकते हैं, ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने यह दावा किया है। रूस जनमत संग्रह को इन इलाकों को रूस में शामिल किए जाने का आधार बना सकता है। ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने नवीनतम खुफिया अपडेट में कहा कि यूक्रेन के कब्जे वाले हिस्सों में जो जनमत संग्रह आयोजित किया जा रहा है, वह मंगलवार 27 सितंबर को समाप्त हो गया है और इसमें रूस के पक्ष में फैसला हुआ है, जैसी कि आशंका थी।
जेलेंस्की ने लगाए रूस पर इलाके को हथियाने के आरोप
मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि मतदान की स्वतंत्र रूप से निगरानी नहीं की गई क्योंकि इस प्रक्रिया को कोई अंतर्राष्ट्रीय मान्यता नहीं थी। हालांकि, इन क्षेत्रों में तैनात रूसी अधिकारियों ने मतदान में भाग लेने वाले लोगों से लगभग पूर्ण समर्थन का दावा किया है। जनमत संग्रह का जवाब देते हुए, यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस पर इलाके को हथियाने की कोशिश कर संयुक्त राष्ट्र के कानून का क्रूरता से उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
यूक्रेन के लिए कुछ भी नहीं बदलेगा
राष्ट्र के नाम अपने रात के वीडियो संबोधन में, राष्ट्रपति ने मंगलवार को कहा कि “रूस की कोई भी आपराधिक कार्रवाई यूक्रेन के लिए कुछ भी नहीं बदलेगी। हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर को मान्यता देते हैं, हम लोगों के सह-अस्तित्व के बुनियादी सिद्धांतों को पहचानते हैं और हम इसमें कार्य करना जारी रखेंगे। यूक्रेन, यूरोप और दुनिया में सामान्य जीवन की रक्षा के लिए।”
हम खेरसॉन, जापोरिजिझयां, डोनबास, खार्कीव के वर्तमान कब्जे वाले क्षेत्रों में और क्रीमिया में अपने लोगों की रक्षा करने के लिए कार्य करते रहेंगे। कब्जे वाले क्षेत्र में इस तमाशे को जनमत संग्रह की नकल भी नहीं कहा जा सकता है।
अब संसद में पुतिन कर सकते हैं बड़ी घोषणा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुतुबिक ब्लादिमीर पुतिन इसी हफ्ते संसद के संयुक्त सत्र में जनमंत संग्रह के परिणाम की घोषणा कर सकते हैं। वह यूक्रेन के 15 फीसदी हिस्से को रूस में विलय करने का ऐलान भी कर सकते हैं। हालांकि पुतिन अगर ऐसा कदम उठाते हैं तो दोनों देशों के बीच युद्ध और भी खतरनाक हो जाएगा। वहीं रूसी मीडिया भी अटकलें लगा रही है कि पुतिन मार्शल कानून लागू करके कुछ हद तक सेना की तैनाती करेंगे और सीमाओं को उन सभी लोगों के लिए बंद कर दिया जाएगा जिनकी आयु युद्ध में भाग लेने योग्य है।
98 प्रतिशत तक लोगों ने रूस के पक्ष में किया मतदान
लुहांस्क प्रशासन का कहना है कि 98.5 फीसदी लोगों ने रूस में शामिल होने के पक्ष में वोट किया। यह बात 69 प्रतिशत बैलट काउंटिंग के आधार पर कही गई है। वहीं जपोरिजिज्या में तैनात किए गए रूस के एक अधिकारी ने कहा कि 93 फीसदी वोटों की गिनती पूरी हो चुकी है। वोटिंग कमिटी के मुताबिक खेरसन में 87 फीसदी लोगों ने क्रेमलिन के पक्ष में मतदान किया है।
-एजेंसी