चीन को ब्रिटेन के लिए सबसे बड़ा ख़तरा बताते हुए पीएम पद की दौड़ में शामिल ऋषि सुनक ने अपनी प्रतिद्वंद्वी लिज़ ट्रस को आड़े हाथों लिया है.
सुनक ने लिज़ ट्रस पर चीन की मदद करने का आरोप लगाया है और वादा किया है कि अगर वो पीएम बने तो पहले ही दिन से चीन पर सख़्त रुख़ अपनाएंगे.
सुनक ने कहा है कि लिज़ ट्रस ने चीन के लिए ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में घुसपैठ करना आसान बना दिया.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार ऋषि सुनक ने रविवार रात विदेश नीति को लेकर अपना रुख़ स्पष्ट करते हुए कहा कि चीन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ब्रिटेन के लिए ‘लंबे समय से सबसे बड़ा ख़तरा’ हैं.
चीन के प्रति कड़ा रुख़ दिखाते हुए सुनक ने कहा कि अगर वह प्रधानमंत्री बने तो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े उन सभी इंस्टिट्यूट्स को बंद कर देंगे, जो ब्रिटेन के विश्वविद्यालय और स्कूलों में मंदारिन भाषा पढ़ा रहे हैं.
सुनक की टीम ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ब्रिटेन में मौजूद चीन से जुड़े 31 संस्थानों में से नौ साल 2012 से 2014 के बीच लिज़ ट्रस के शिक्षा मंत्री रहते हुए खुले हैं.
सुनक ने रविवार रात चीन का सामना करने के लिए नए नेटो गठबंधन की वकालत करते हुए कहा, “अब बहुत हो चुका है. बहुत लंबे समय से ब्रिटेन और पूरे पश्चिम में नेताओं ने रेड कार्पेट बिछाते हुए चीन की नापाक हरकतों और महत्वकांक्षाओं से आंखें मूंद ली हैं.”
हालाँकि, मौजूदा समय में विदेश मंत्री लिज़ ट्रस की टीम ने पलटवार करते हुए सुनक पर ही चीन के प्रति सालों से नरम रवैया अपनाने का आरोप लगाया है. ट्रस की ओर से ये भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री पद के लिए सुनक की दावेदारी को चीन की सरकारी मीडिया में भी समर्थन मिला है.
पीएम पद की रेस में शामिल दोनों उम्मीदवारों के बीच बहस का ये नया मुद्दा है. इससे पहले दोनों नेता टैक्स और अप्रवासियों के मसले पर भी आमने-सामने आ चुके हैं.
चीन को लेकर लिज़ ट्रस भी ऋषि सुनक को घेर चुकी हैं. कंज़र्वेटिव सांसदों के बीच जब अंतिम पाँच प्रतिद्वंद्वियों को लेकर बहस जारी थी, उस समय ट्रस ने सुनक से सवाल किया था कि क्या उन्हें वाक़ई लगता है कि ब्रिटेन को चीन के साथ अधिक कारोबार करना चाहिए.
बीजिंग के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने 14 जुलाई को एक रिपोर्ट में कहा था कि “ब्रिटेन को नया प्रधानमंत्री मिलने के बावजूद बीजिंग दोनों देशों के रिश्तों में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखता लेकिन फ़िर भी वह उम्मीद करता है कि दोनों पक्ष संबंधों में सुधार कर पाएंगे.” रिपोर्ट में कहा गया कि चीन के साथ संतुलित रिश्ते विकसित करने के लिए सुनक का दृष्टिकोण व्यावहारिक था.
इसी रिपोर्ट के हवाले से ट्रस के समर्थकों ने दावा किया कि बीते दो सालों में वित्त मंत्री रहते हुए सुनक ने चीन के साथ आर्थिक समझौते बढ़ाने पर ज़ोर दिया.
ट्रस की ओर से यह भी कहा गया कि सुनक इसी साल यूके-चाइना इकनॉमिक एंड फाइनेंशियल डायलॉग को दोबारा शुरू करने की योजना बना रहे थे लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया.
हॉन्ग-कॉन्ग के नागरिकों की आज़ादी के ख़िलाफ़ शी जिनपिंग प्रशासन की कार्रवाई को देखते हुए ब्रिटेन की मौजूदा सरकार का चीन के प्रति कड़ा रुख़ है. इसके अलावा चीन के शिनजियांग प्रांत में वीगर मुसलमानों के साथ वहाँ की सरकार के बर्ताव पर भी दोनों देशों ने एक-दूसरे पर कई प्रतिबंध लगाए हुए हैं.
सुनक ने चीन पर कड़ी कार्रवाई का किया वादा
चीनी संस्थानों को ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी से बाहर निकालने का वादा करते हुए ऋषि सुनक ने कहा कि अगर वह प्रधानमंत्री बने तो 30 से अधिक कन्फ़्यूशियस इंस्टिट्यूट्स को बंद करवाएंगे. ये संस्थान चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े हैं.
सुनक ने ये भी वादा किया कि वे विश्वविद्यालयों को मिले 60 हज़ार डॉलर से अधिक के विदेशी फ़ंड की जानकारी को सार्वजनिक करवाएंगे और शोध के लिए की जा रही भागीदारियों की भी समीक्षा होगी.
समाचार एजेंसी एएफ़पी की ख़बर के अनुसार, साइबर सुरक्षा में चीनी हस्तक्षेप को रेखांकित करते हुए सुनक ने कहा कि ब्रिटेन की घरेलू जासूसी एजेंसी एमआई-5 का इस्तेमाल चीनी जासूसी से निपटने के लिए किया जाएगा. उन्होंने साइबर स्पेस में चीनी ख़तरों से निपटने के लिए नेटो जैसे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग संगठन बनाने पर भी ज़ोर दिया.
उन्होंने वादा किया कि रणनीतिक रूप से संवेदनशील तकनीकी फ़र्मों सहित प्रमुख ब्रिटिश संपत्तियों के चीनी अधिग्रहण पर प्रतिबंध लगाने के मामले का भी अध्ययन किया जाएगा.
सुनक ने दावा किया, “चीन घर में हमारी तकनीक चोरी कर रहा है और हमारे विश्वविद्यालयों में घुसपैठ कर रहा है. वहीं, रूसी तेल ख़रीदकर दूसरे देशों में व्लादिमीर पुतिन की छवि सुधारने की कोशिश कर रहा है और ताइवान सहित अपने अन्य पड़ोसियों को भी अपनी गतिविधियों से धमकाने की कोशिश में जुटा है.”
चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ योजना पर बरसते हुए सुनक ने कहा कि इससे विकासशील देश भारी क़र्ज़ के बोझ के तले दब गए हैं.
पहले दिन से चीन पर करूंगा कार्रवाई
सुनक ने कहा है कि अगर वो प्रधानमंत्री बनते हैं तो पद संभालने के पहले दिन ही वो चीन को लेकर नीति में बदलाव करेंगे.
उन्होंने कहा, “वो (चीन) मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हुए शिनजियांग और हॉन्ग-कॉन्ग सहित अन्य स्थानों पर अपने ही लोगों को यातना देते हैं, हिरासत में रखते हैं और अपनी विचारधारा थोपते हैं. उन्होंने लगातार अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करके वैश्विक अर्थव्यवस्था को अपने पक्ष में किया है.”
कंजर्वेटिव पार्टी का नेता और ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनने के लिए अब ऋषि सुनक और लिज़ ट्रस के बीच सीधा मुक़ाबला होना है.
दोनों ही उम्मीदवारों के बीच 25 जुलाई को बीबीसी पर आमने-सामने की बहस होगी. साथ ही देश भर में कंजर्वेटिव पार्टी के 1.6 लाख सदस्यों के बीच पोस्टल बैलेट के ज़रिए वोट करवाया जाएगा और पाँच सितंबर को नए प्रधानमंत्री की घोषणा की जाएगी.
-एजेंसी