मणिपुर में सक्रिय उग्रवादी संगठन यूनाइटेड ट्राइबल लिबरेशन आर्मी के 14 कार्यकर्ताओं ने बुधवार को राज्य के सीएम एन बीरेन सिंह के सामने सरेंडर कर दिया। उग्रवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने इंफाल में फर्स्ट मणिपुर राइफल्स बटालियन के बैंक्वैट हॉल में ‘घर वापसी समारोह’ में सरेंडर किया। कार्यकर्ताओं ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी सरकार को सौंप दिए।
यूनाइटेड ट्राइबल लिबरेशन आर्मी James से ताल्लुक रखने वाले कैडरों ने अपने चीफ तोन्थांग सिंगसिट के साथ सीएम के सामने सरेंडर किया। इसके साथ-साथ संगठन के कार्यकर्ताओं ने दो एचके-33 राइफल, एक एके राइफल, कई छोटे हथियारों के साथ एक चीन हैंड ग्रेनेड पर भी सौंप दिए।
इस अवसर पर बोलते हुए राज्य के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा कि हिंसा स्थायी समाधान नहीं ला सकती है। उन्होंने बाकी लोगों से भी मुख्यधारा में लौटने और सामान्य जीवन जीने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘जो लोग घर वापसी चाहते हैं, उनके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही सार्वजनिक रूप से घोषणा कर दी थी कि जघन्य अपराध में शामिल लोगों को छोड़कर सभी को किसी भी तरह के मामले या फिर प्राथमिकी से छूट दी जानी चाहिए ताकि वे अपना सामान्य जीवन जी सकें।’
सीएम बोले, हम आपके दुश्मन नहीं
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह भारत सरकार के साथ आगे आने और बातचीत करने का समय है। मेरे पर विश्वास करो, हमारा विश्वास करो, हम आपके दुश्मन नहीं है। आप सभी हमारे लोग हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य का विकास तभी होगा, जब शांति होगी। पिछले पांच साल में राज्य ने कानून-व्यवस्था में सुधार के कारण कई क्षेत्रों में विकास में तेजी देखी गई है।
आत्मसमर्पण करने वालो उग्रवादियों को मिलती है वित्तीय मदद
राज्य में आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों के लिए पुनर्वास योजना का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग आत्मसमर्पण करते हैं और अपने हथियार डालते हैं, वे इस योजना के तहत लाभ उठा सकते हैं। जिनमें से आत्मसमर्पण करने वाले कैडर को 4 लाख रुपए का एकमुश्त वित्तीय अनुदान और तीन साल तक हर महीने 6000 रुपए का वजीफा शामिल है।
2005 से 638 उग्रवादी सामान्य जीवन में लौटे
पिछले साल मार्च में थडौ पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से संबंधित 16 सहित विभिन्न आतंकवादी संगठनों के 20 विद्रोहियों ने सरकार के सामने हथियार डाले थे। 2005 से, 681 उग्रवादियों को पुनर्वास के लिए मंजूरी दी गई थी और इनमें से 638 व्यक्तियों ने पुनर्वास पूरा किया और अपने सामान्य जीवन में लौट आए। अब तक, 43 व्यक्ति पुनर्वास और व्यावसायिक प्रशिक्षण से गुजर रहे हैं।
-एजेंसियां
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