आगरा: राजा मंडी स्टेशन पर बनी मां चामुंडा देवी मंदिर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। रेलवे इस मंदिर को अतिक्रमण बताता है तो वहीं इस मंदिर की आस्था से जुड़े लोग किसी भी कार्यवाही के ख़िलाफ़ हैं। ऐसे में न तो रेल विभाग पीछे हटना चाहता है और न ही आम जनमानस अपनी आस्था से रेलवे को खिलवाड़ करना देना चाहते हैं। ऐसे में रेल यात्रियों को बढ़ाई जाने वाली सुविधाओं में कटौती हो रही है। इसके बाद आगरा रेल मंडल के प्रबंधक आनंद स्वरूप की ओर से लिखे गए एक पत्र ने अब भूचाल ला दिया है। उन्होंने यह पत्र ट्वीट किया था जिसके बाद यह पत्र तेजी के साथ वायरल हो रहा है।
इस पत्र में उन्होंने कहा है कि ‘शहर वासियों के लिए राजा मंडी रेलवे स्टेशन की सेवा बंद हो सकती है।’ डीआरएम रेलवे ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि राजा मंडी स्टेशन पर अवैध रूप से अतिक्रमण का कारण बन रहे चामुंडा देवी मंदिर को अगर वहां से नहीं हटाया गया, तो यात्रियों को हो रही असुविधा को ध्यान में रखते हुए राजा मंडी स्टेशन बंद किया जा सकता है। स्टेशन के कुछ हिस्से पर स्थित यह मंदिर यात्रियों की आवाजाही में व्यवधान का कारण बनता है, साथ ही रेलगाड़ियों की रफ्तार भी कम करता है।
आगरा रेल मंडल प्रशासन का कहना है कि राजा मंडी स्टेशन पर चामुंडा देवी मंदिर स्थित है। चामुंडा देवी मंदिर का कुछ हिस्सा राजा मंडी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर भी आता है। जिसकी वजह से यहां आने वाले यात्रियों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रेलवे ने मंदिर को स्थानांतरित करने के लिए कुछ समय पहले एक नोटिस भी चस्पा किया था, जिसमें मंदिर प्रशासन को 10 दिन का समय दिया गया था।
डीआरएम आनंद स्वरूप के पत्र के अनुसार ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए 6 करोड़ रूपया खर्च किया गया है लेकिन मंदिर की वजह से ही रेलवे लाइन को वक्राकार किया गया है। जिसकी वजह से कोई भी ट्रेन यहां से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अधिक गति से नहीं गुजर पाती है। इसी वजह से रेलवे विभाग द्वारा लोगों की सुविधा के लिए चलाई जा रही हाई स्पीड ट्रेनों को भी यहां से निकलने में देरी होती है। जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है और उनका समय बर्बाद होता है।
रेलवे प्रशासन का कहना है कि राजा मंडी स्टेशन के कुछ हिस्से पर चामुंडा देवी का मंदिर स्थित है जिसका क्षेत्रफल 1716 वर्ग मीटर है जिसमें 600 वर्ग मीटर में मंदिर का भवन निर्मित है। इसका 72 वर्ग मीटर का क्षेत्र प्लेटफार्म नंबर एक पर निर्माण कर लिया गया है जोकि रेलवे के शेड्यूल ऑफ डायमेंशन का उल्लंघन करता है, और सुरक्षा की दृष्टि से अनुचित है। 72 मीटर के अतिक्रमण को प्राथमिकता से खाली करवाया जाना है।
मस्जिदों को भी दिया गया है नोटिस
रेलवे प्रशासन का कहना है कि विभिन्न स्थानों और इमारतों से रेलवे अतिक्रमण हटाने का कार्य कर रहा है। इसी क्रम में अनाधिकृत रूप से बने अन्य धार्मिक स्थल जैसे मस्जिद आदि को भी नोटिस दिया गया है, और यह नोटिस यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए दिया गया है। यदि इस निर्णय के कार्यान्वयन में कोई अड़चन आती है तो यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए रेल प्रशासन को राजा मंडी स्टेशन यात्री प्रयोग के लिए बंद करने के विचार पर बाध्य होना होगा
मंदिर के पुजारी ने कही ये बात
वहीं, चामुंडा देवी मंदिर के महंत का कहना है कि इससे पहले भी कई बार मंदिर को हटाने के लिए रेल प्रशासन ने नोटिस दिए हैं, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। क्योंकि जो भी व्यक्ति राजा मंडी स्टेशन पर स्थित मंदिर को हटाने की बात करता है उसके साथ कोई न कोई दुर्घटना हो जाती है, और अगर इस बार फिर से रेल प्रशासन ऐसा कुछ करने का विचार करता है या ऐसा कुछ करता है तो जिले में जो भी अशांति का माहौल पैदा होगा, जिसका जिम्मेदार खुद रेलवे विभाग होगा।
एक तरफ जहां रेलवे मंदिर को स्थानांतरित करने का पूरी तरह से मन बना चुका है तो वहीं दूसरी तरफ मंदिर प्रशासन भी मंदिर को स्थानांतरित न करने की जिद पर अड़ा हुआ है। रेलवे ने साफ चेतावनी दे दी है कि अगर मंदिर को स्थानांतरित नहीं किया गया तो यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा का ख्याल रखते हुए राजा मंडी स्टेशन को बंद करने पर विचार किया जा सकता है।
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