तनाव से कोई नहीं बचा है। हर किसी के पास अपना अपना तरह का तनाव है लेकिन यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन 30 मिनट का योग करता है तो वह अवसाद को रोक सकता है।
यह कहना है योगाचार्य डॉ. यूपी सिंह का। वह रविवार को लखनऊ विश्वविद्यालयके जेके हॉल में ‘बीट द ब्लूज़-डिप्रेशन अवेयरनेस’ कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि भ्त्रिरका प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम और शशांकासन तनाव को प्रतिबंधित करने में विशेष रूप से सहायक होते हैं।
हौसला फाउंडेशन और साईयूनी ट्रस्ट ने इसका आयोजन किया था। क्लीनिक मनोवैज्ञानिक डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव ने बताया कि विशेष प्रकार की काउंसलिंग से अवसाद में सुधार होता है। संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी और आरईबीटी भी और ये बच्चों, वृद्धों और गर्भवती महिलाओं के लिए पहली पंक्ति उपचार होना चाहिए। उन्होंने मनोवैज्ञानिकों से नियमित रूप से जुड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मनोचिकित्सक डॉ. सुजीत कार ने बताया कि बीच में बेमेल संबंध के कारण अवसाद होता है न्यूरोट्रांसमीटर और तनाव और एक आनुवंशिक रूप से अवसाद के लिए भी उजागर हो जाता है। मनोवैज्ञानिक स्वाति ने समझाया कि सामाजिक प्रतिफल और संज्ञानात्मक त्रय की अनुपस्थिति कैसे अवसाद की ओर ले जाती है।
-एजेंसियां
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