लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जिला और ब्लॉक इकाइयों के साथ-साथ संपूर्ण प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) इकाई को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है। कांग्रेस के तरफ से यह जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई। जिसके तहत कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को आदेश जारी करते हुए कांग्रेस के उत्तर प्रदेश संगठन को रातों रात भंग कर दिया है।
बता दें इस फैसले को पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के पुनर्गठन और 2027 में राज्य में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी की योजना के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। एक आधिकारिक बयान में, एआईसीसी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा, कांग्रेस अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्षों और ब्लॉक कांग्रेस समितियों के साथ-साथ पीसीसी की संपूर्ण राज्य इकाई को तत्काल प्रभाव से भंग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सभी समितियों, उप-समितियों और जिला स्तरीय इकाइयों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है, जिसके बाद सभी पुराने पदाधिकारी, कार्यकारी समिति के सदस्य और विशेष प्रभार वाले नेता अब इन पदों पर नहीं रहेंगे। 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव और 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
इसलिए पार्टी को उत्तर प्रदेश में खुद को फिर से स्थापित करने की जरूरत है, जो कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। हालांकि, खडग़े के नेतृत्व में पार्टी युवा और जमीनी नेताओं को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है।
पार्टी नेतृत्व का मानना है कि पुरानी कमेटी में बदलाव कर उसमें नई ऊर्जा का संचार करना जरूरी है। उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटें आगामी चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगी। संगठनात्मक बदलाव का मकसद क्षेत्रीय स्तर पर कांग्रेस को मजबूत करना है। पार्टी नए नेतृत्व का चयन करेगी, जो जमीनी मुद्दों को बेहतर तरीके से समझ सके। साथ ही पुराने नेताओं की जवाबदेही तय करने की भी कोशिश की जाएगी।
कांग्रेस के इस फैसले का राज्य की उन विधानसभा सीटों पर ज्यादा असर होगा, जहां पार्टी का फिलहाल कम प्रभाव है। उत्तर प्रदेश में युवा और अनुभवी पार्टी नेताओं के बीच संतुलन बनाने के लिए नई कमेटियां बनाई जा सकती हैं।
कांग्रेस अब जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए राज्य के ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में अपने संगठन को फिर से खड़ा करेगी। इससे पहले 6 नवंबर को खडग़े ने एक महत्वपूर्ण पुनर्गठन कदम उठाते हुए हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के साथ-साथ इसकी जिला और ब्लॉक इकाइयों को भंग कर दिया था।
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