आगरा: गांधी जयंती पर बिक्री प्रतिबंधित होने के बावजूद शहर में कई स्थानों पर मीट की बिक्री होते मिली। नगर निगम की टीम ने ऐसे कई दुकानदारों को पकड़ा। इस दौरान जमकर हंगामा भी हुआ और पुलिस मौके पर पहुंच गई। मीट की दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी जैसे ही शहर में फैली तो ऐसी दुकानों के शटर धड़ाधड़ गिरने लगे। नई बस्ती, ताजगंज, लोहामंडी, शहीद नगर, सिकंदरा समेत तमाम अन्य क्षेत्रों में मीट की दुकानें बंद हो गयीं।
नगर निगम प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए आधा दर्जन से अधिक दुकानदारों से दो लाख, आठ हजार रुपये का जुर्माना वसूला।
बता दें कि दो अक्तूबर गांधी जयंती को केंद्र व राज्य सरकार ने अहिंसा व अभय दिवस के रूप में मनाने के आदेश दिये हैं। इस दिन कहीं भी न तो पशुओं का वध किया जा सकता है और न ही दुकानें खोलकर मीट की बिक्री की जा सकती हैं। नगर निगम प्रशासन की ओर से इस संबंध में बुधवार को सभी समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी कर मीट की बिक्री न करने के आदेश दिये थे। इसके बावजूद शहर में मांस की बिक्री जा रही थी।
इसकी जानकारी होने पर नगर निगम प्रवर्तन दल की टीम ने पशु कल्याण अधिकारी डा. अजय सिंह, प्रवर्तन प्रभारी कर्नल राहुल गुप्ता के नेतृत्व में गुदड़ी मंसूर खां स्थित नई बस्ती पहुंची तो वहां पर धड़ल्ले से मीट की बिक्री जा रही थी। प्रवर्तन दल ने कार्रवाई करते हुए शकील, सलीम और मो. ताहिर के अलावा दो अन्य दुकानदारों पर चालीस-चालीस हजार रुपये का जुर्माना लगाकर दुकानों को बंद करा दिया। इसके बाद निगम की टीम बोदला रोड स्थित लाल मस्जिद इलाके में पहुंची तो वहां भी मुर्गे आदि के मांस की दुकानें खुली हुईं पायी गयी।
यहां पर जब निगम की टीम ने जुर्माने की कार्रवाई प्रारंभ की तो दुकानदार एकत्रित होकर हंगामा करने लगे। निगम अधिकारियों को पुलिस बुलानी पड़ी। इस कार्रवाई से मीट विक्रताओं में हड़कंप मचा रहा। दुकानदारों से जुर्माना वसूल कर दुकानों को बंद कराया गया। यहां प्रतिबंधित पॉलीथिन, गंदगी पर भी आठ हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया।
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