निजी सेक्टर के बड़े बैंकों में शामिल ICICI बैंक ने अपनी ब्रोकिंग यूनिट आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज को डीलिस्ट करने और बैंक में इसका मर्जर करने की योजना बनाई है, लेकिन उसके शेयर होल्डर्स के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। बेंगलुरु के एक इन्वेस्टमेंट मैनेजर की अगुवाई में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के शेयर होल्डर्स ने बैंक के खिलाफ एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया है।
बैंक की योजना के मुताबिक आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के शेयर होल्डर्स को हर 100 शेयरों पर बैंक को 67 शेयर मिलेंगे लेकिन आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के शेयरहोल्डर्स का एक ग्रुप इसका विरोध कर रहा है।
पिछले महीने आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने बताया था कि 72 फीसदी शेयरहोल्डर्स ने कंपनी को डीलिस्ट करने और आईसीआईसीआई बैंक में इसका मर्जर करने के प्लान को सपोर्ट किया है जबकि अधिकांश रिटेल इन्वेस्टर्स इस प्रस्ताव के खिलाफ हैं।
28 मार्च को आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के शेयरहोल्डर्स ने कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज से हटाने और इसे पेरेंट कंपनी आईसीआईसीआई बैंक की फुली-ऑन्ड सब्सिडियरी बनाने के पक्ष में वोट दिया था। 83.8 फीसदी संस्थागत निवेशकों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया था जबकि 67.8 फीसदी गैर-संस्थागत निवेशकों ने इसका विरोध किया।
क्यों हो रहा है विरोध
सूत्रों से प्राप्त जानकारी केअनुसार कंपनी के 200 से अधिक रिटेल शेयरहोल्डर्स इस प्रस्ताव के खिलाफ हैं। क्वांटम म्यूचुअल फंड के स्पॉन्सर क्वांटन एडवाइजर्स के फाउंडर अजित दयाल ने कहा कि हमने इन्वेस्टर्स के हितों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया है।
क्वांटम एफएम का आरोप है कि इस मर्जर में खामियां और अनियमितताएं हैं जिनसे माइनोरिटी स्टेकहोल्डर्स पर प्रतिकूल असर होगा। क्वांटम एफएम ने डीलिस्टिंग से जुड़े प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा था कि स्वैप रेश्यो लोअर वैल्यूएशन पर किया गया है। यह अल्पांश शेयरधारकों के हित में नहीं है।
-एजेंसी
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