शोध: जरूरी पोषक तत्वों से रिक्त होता है उत्तर भारत के लोगों का खानपान

Health

शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं पोषक तत्वों की कमी या अधिकता

शोधकर्ताओं का कहना है कि असंतुलित आहार गैर-संक्रामक रोगों का एक बड़ा कारण बन सकता है। इनमें हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और किडनी की समस्याएं जैसी गंभीर बीमारियां शामिल हैं। ये बीमारियां भारत में तेजी से बढ़ रही हैं।

अध्ययन में क्या पाया गया?

यह अध्ययन जर्नल ‘फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन’ में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में पाया गया कि उत्तर भारत में लोग जरूरत से ज्यादा नमक (Salt) और फास्फोरस (Phosphorus) का सेवन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रोटीन और पोटेशियम की कमी देखी गई है।

अध्ययन के मुख्य लेखक प्रोफेसर विवेकानंद झा का कहना है कि, “पोषक तत्वों की कमी वाली अस्वस्थ डाइट गैर-संक्रामक रोगों का एक प्रमुख कारण है। भारत में लोग अलग-अलग तरह का खाना खाते हैं, इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि वो असल में कौन से पोषक तत्व ले रहे हैं। इससे इन बीमारियों को रोकने और उनका इलाज करने में मदद मिल सकती है।”

उन्होंने आगे कहा कि, “ज्यादा नमक खाना और कम पोटेशियम लेना इस बात की तरफ इशारा करता है कि हमें व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों स्तरों पर लोगों के खानपान में सुधार लाने की जरूरत है।”

अध्ययन कैसे किया गया?

इस अध्ययन में 400 वयस्कों को शामिल किया गया था। इनमें स्वस्थ लोगों के साथ-साथ शुरुआती दौर की क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) से पीड़ित लोग भी शामिल थे। शोधकर्ताओं ने 24 घंटे के पेशाब के नमूने की जांच करके लोगों के शरीर में जा रहे पोषक तत्वों की मात्रा का पता लगाया। अध्ययन में ये भी पाया गया कि महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा मात्रा में पोषक तत्व ले रहे थे।

अध्ययन में क्या पाया गया?

– जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ इंडिया और पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के शोधकर्ताओं ने मिलकर ये अध्ययन किया।

– इस अध्ययन में 400 लोगों को शामिल किया गया, जिनमें स्वस्थ लोग और शुरुआती चरण में किडनी की बीमारी से पीड़ित लोग दोनों शामिल थे।

– 24 घंटे के पेशाब के विश्लेषण के जरिए शोधकर्ताओं ने शरीर में जा रहे पोषक तत्वों की मात्रा का पता लगाया।

अध्ययन में पाया गया कि लोग जरूरत से ज्यादा नमक (सोडियम) और फॉस्फोरस का सेवन कर रहे हैं, जबकि प्रोटीन और पोटेशियम (Potassium) की मात्रा कम ली जा रही है।

क्या है बचाव?

शोधकर्ताओं का कहना है कि आम गैर-संक्रामक रोगों के खतरे को कम करने के लिए खाने में व्यक्तिगत तौर पर बदलाव लाने की जरूरत है। इसके लिए खाने के पैकेटों पर पोषण संबंधी जानकारी को बेहतर तरीके से लिखना, डिब्बाबंद खाने में नमक की मात्रा कम करना और लोगों को ज्यादा फल और सब्जियां खाने के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी है। इससे भारत में बढ़ रही गैर-संक्रामक बीमारियों को कम किया जा सकता है।

-एजेंसी


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