अमरनाथ यात्रा को लेकर श्राइन बोर्ड ने एडवायजरी जारी की है ताकी यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी ना हो. अमरनाथ यात्रा एक जुलाई से शुरू हो रही है.
हिंदू धर्म में अमरनाथ यात्रा का काफी महत्व हैं. कहा जाता है कि जो कोई यहां बर्फ के शिवलिंग के रूप में विराजमान भगवान शिव के दर्शन कर लेता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस साल अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शरू हो रही है. ऐसे में अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने हेल्थ एडवायजरी जारी की है ताकी श्रद्धालु पहले से ही पूरी तरह तैयार रहे और यात्रा के दौरान किसी भी तरह की परेशानी ना हो.
ज्यादा ऊंचाई वाली जगह पर स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए क्या-क्या करना जरूरी है, एडवायजरी में इससे जुड़ी सारी जानकारी दी गई है. इसमें बताया गया है कि श्रद्धालुओं को यात्रा पर आने से पहले शारीरिक तौर पर फिट रहना जरूरी है. इसके लिए तुरंत तैयारी करना शुरू कर दें. य़ानी यात्रा से एक महीने पहले से मॉर्निंग और इवनिंग वॉक शुरू करें. इस दौरान हर रोज 4-5 किलोमीटर पैदल चलें.
यात्रा पर जाने से पहले एक्सरसाइज
इसके अलावा शरीर में ऑक्सीजन की सही मात्रा के लिए एक्सरसाइज काफी जरूरी हैं. यात्रा से पहले गहरी सांस वाली एक्सरसाइज और प्रणायाम करें. अगर आपको पहले से कोई स्वास्थ्य की समस्या है तो यात्रा पर जाने से पहले डॉक्टर से चेकअप कराना जरूरी है. यात्रा के दौरान चढ़ाई करते वक्त धीरे-धीरे चलें और खड़ी ढलानों पर आराम करते हुए आगे बढे़ं. बाबा बर्फानी के नाम से भी मशहूर अमरनाथ धाम की यात्रा का श्रद्धालू हर साल बेसब्री से इंतजार करते हैं.
इस साल एक जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा का समापन 31 अगस्त को होगा. मान्यता है कि भगवान शिव ने बाबा बर्फानी की इस गुफा में ही माता पार्वती को उनके अमृत्व का रहस्य बताया था. अमरनाथ यात्रा को सबसे मुश्किल यात्राओं में से एक माना जाता है. जम्मू-कश्मीर में 14 किलोमीटर तक की इस यात्रा के दौरान, ऊंचाई, खड़ी ऊंचाई और पतले रास्तों से होकर जाना होता है. यहीं वजह है कि इस यात्रा से पहले श्रद्धालुओं के लिए हेल्थ एडवायजरी जारी की गई है.
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