वरिष्ठ पत्रकार डॉ. भानु प्रताप सिंह ने खोजा है अपने गांव का इतिहास
अलीगढ़ जिले के गांव चपौटा का 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से संबंध
लोकार्पण 15 मार्च को जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह करेंगे
आगरा/अलीगढ़। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के विकास खंड अतरौली का गांव है चपौटा। इस गांव का अस्तित्व 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद आया। ‘किलइया’ कहलाने वाले लोग एक समय में आगरा किला में किलेदार की भूमिका में थे। अंग्रेजों का साथ न देने के कारण उन्हें प्रताड़ित किया गया। कुछ लोग भागते हुए आगरा से अलीगढ़ की ओर आ गए। उन्होंने पहले मीरगढ़ी और फिर नगला लोधा व चपौटा को बसाया। गांव चपौटा की इस रोमांचक कहानी को ‘मेरौ गाम चपौटा’ पुस्तक के रूप में प्रस्तुत किया है वरिष्ठ पत्रकार डॉ. भानु प्रताप सिंह ने।
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत यह पुस्तक प्रकाशित हुई है। पुस्तक में उ.प्र. के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, पूर्व मंडलायुक्त गौरव दयाल (स्थानांतरित), अलीगढ़ के डीएम इन्द्र विक्रम सिंह और पूर्व सीडीओ अंकित खंडेलवाल के आलेख हैं। पुस्तक के दूसरे खंड में डॉ. भानु प्रताप सिंह की कविताएं हैं। इन कविताओं से गांव की सौंधी सुगंध, माता-पिता, देश से प्रेम का संदेश झलकता है। पुस्तक को राष्ट्रभाषा ऑफसेट प्रेस ने प्रकाशित किया है।
गांव चपौटा के तथ्य को आगरा विश्वविद्यालय के इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. सुगम आनंद और इतिहासकार राजकिशोर शर्मा राजे ने प्रमाणित किया है। उनका कहना है कि इस बारे में अधिक शोध की जरूरत है। 1857 का कोई लिखित प्रमाण तो उपलब्ध नहीं है लेकिन इतिहास में किंवदंती की महत्ता है। गांव चपौटा लगातार प्रगति कर रहा है। आसपास के गांवों के लिए चपौटा में एकमात्र पशु चिकित्सालय है। गांव में अच्छा स्कूल, पंचायत घर, परिक्रमा मार्ग है। पेयजल टंकी निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। शिक्षा की बात करें तो पी.एचडी., एम.बी.ए., बीटेक भी हैं। लड़कियां उच्च शिक्षा के लिए बाहर जा रही हैं।
चपौटा में जन्मे डॉ. भानु प्रताप सिंह का निवास आगरा के शास्त्रीपुरम (सिकंदरा) में है। वे हिन्दी माध्यम से प्रबंधन विषय में विद्या वाचस्पति (पी.एचडी.) की उपाधि लेने वाले देश में प्रथम हैं। भारत सरकार की संस्था द सर्वे ऑफ इंडिया ने हिन्दी में कार्य के लिए देश में 9वां स्थान दिया है। उनकी छह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के क्षेत्रीय अभिलेखागार में पुस्तकें सूचीबद्ध हैं। वे अनक पुरस्कारों से सम्मानित हैं।
‘मेरौ गाम चपौटा’ पुस्तक का लोकार्पण 15 मार्च, 2023 को गांव चपौटा में शाम 5 बजे से होगा। मुख्य अतिथि जिलाधिकारी अलीगढ़ इन्द्र विक्रम सिंह हैं। आर.एस.एस. के वरिष्ठ प्रचारक ख्यालीराम जी और ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह विशिष्ट अतिथि हैं। अध्यक्षता डॉ. ओम प्रकाश वर्मा करेंगे। उन्हीं के सहयोग से यह पुस्तक प्रकाशित हुई है।