रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन में अपने शीर्ष कमांडर को उनके पद से हटाया

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अब चीफ़ ऑफ़ जनरल स्टाफ़ वलियरी गेरासिमोफ़ इस ‘विशेष सैन्य अभियान’ का नेतृत्व करेंगे.

जनरल गेरासिमोफ़ ने सर्गेई सुरोविकिन की जगह नियुक्त किया गया है. शीर्ष कमांडर के तौर पर सुरोविकिन रूस की संयुक्त सेनाओं के प्रमुख थे.

सुरोविकिन ने हाल ही में यूक्रेन के ऊर्जा से जुड़े बुनियादी ढांचे पर हमले की ज़िम्मेदारी संभाली थी.

ये बदलाव तब हुआ है जब रूस ने दावा किया है कि वो पूर्वी यूक्रेन में आगे बढ़ रहा है. रूस ने यूक्रेन में पिछले साल 24 फ़रवरी को हमला किया था.

जनरल गेरासिमोफ़ साल 2012 से चीफ़ ऑफ़ जनरल स्टाफ़ के पद पर बने हुए हैं. वो सोवियत काल के बाद सबसे लंबे समय तक अपने पद पर रहने वाले चीफ़ ऑफ़ जनरल स्टाफ़ हैं.

जनरल सुरोविकिन अब उनके डिप्टी के तौर पर काम करेंगे. उन्हें पिछले युद्धों में उनकी क्रूर नीतियों के लिए जाना जाता है. जिसमें सीरिया में रूस के अभियान और अलेप्पो शहर में भारी बमबारी शामिल है.

इसके तुरंत बाद उन्हें अक्टूबर में इस अभियान का नेतृत्व सौंपा गया. तब रूस यूक्रेन में ऊर्जा के बुनियादी ढांचे को ख़त्म करना चाहता था. खेरसोन से रूसी सेना के निकलने के दौरान भी सुरोविकिन मौजूद थे.

रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि सुरोविकिन की जगह किसी और को लाने का मक़सद है ”सेना की अलग-अलग शाखाओं के बीच नज़दीकी संपर्क बनाना और प्रबंधन की गुणवत्ता और प्रभाव में सुधार करना.”
लेकिन, ऐसा भी कहा जा रहा है कि सुरोविकिन ने बहुत ज़्यादा ताक़त हासिल कर ली थी.

सैन्य मामलों के जानकार रोब ली ने ट्वीट पर लिखा, ”तीनों सेनाओं के कमांडर के तौर पर सुरोविकिन बहुत ताक़तवर हो रहे थे और राष्ट्रपति पुतिन से बात करते हुए रक्षा मंत्री और गेरासिमो को नज़रअंदाज करते रहे थे.”

Compiled: up18 News