एक्टर-डायरेक्टर ऋषभ शेट्टी ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनकी फिल्म ‘कांतारा’ इतनी बड़ी ब्लॉकबस्टर बनेगी। इसकी सफलता किसी सपने से कम नहीं है। क्षेत्रीय लोक कथाओं और रीति-रिवाजों की कहानी को लेकर बुनी गई ‘कांतारा’ मात्र 16 करोड़ के बजट में बनी। लेकिन आज यह कन्नड़ सिनेमा की अब तक की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली और इस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक बन गई है।
ऋषभ शेट्टी ने तो ‘कांतारा’ को पहले सिर्फ कन्नड़ सिनेमा के लिए ही बनाया था, लेकिन बाद में फिल्म की चर्चा ऐसी फैली और ऐसी डिमांड उठी कि इसे हिंदी मार्केट के लिए भी डब करके रिलीज किया गया। ‘कांतारा’ की सफलता को देख बॉलीवुड फिल्ममेकर्स भी हैरान हैं। कन्नड़ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा रही हैं, वहीं हिंदी फिल्में पिट रही हैं। ऋषभ शेट्टी ने बताया कि आखिर क्या वजह है जो हिंदी फिल्में नहीं चल रही हैं।
ऋषभ शेट्टी ने हाल ही दिए एक इंटरव्यू में कांतारा पर विस्तार से बात की और बताया कि बॉलीवुड कहां गलत जा रहा है। क्यों वह साउथ फिल्म इंडस्ट्री जैसी सफलता पाने में असफल हो रहा है। ऋषभ शेट्टी ‘कांतारा’ की सफलता की वजह उसकी पैकेजिंग को मानते हैं, जोकि तटीय कर्नाटक की संस्कृति में गहराई तक जमी है।
ऋषभ शेट्टी ने बताई बॉलीवुड फिल्ममेकर्स की गलती
ऋषभ शेट्टी ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में कहा कि कहानियों में आप जितनी क्षेत्रीय प्रभाव लाओगे, उनकी उतनी ही ज्यादा यूनिवर्सल अपील होगी। यानी अगर आप अपने क्षेत्र और दुनिया की ताकत पर फोकस करें जिसे आप परिचित हैं तो इस बात के ज्यादा चांस हैं कि आप ज्यादा लोगों तक पहुंच पाएंगे। और इसी अप्रोच को बॉलीवुड फिल्ममेकर्स आजकल भूल रहे हैं।
ऋषभ शेट्टी ने कहा, ‘हम फिल्म दर्शकों के लिए बनाते हैं, अपने लिए नहीं। हमें उन्हें और उनकी भावनाओं को ध्यान में रखना होगा। हमें यह देखने की जरूरत है कि उनके मूल्य और जीवन के तरीके क्या हैं। फिल्ममेकर्स बनने से पहले हमें उसका ध्यान था। लेकिन अब बहुत अधिक पश्चिमी प्रभाव, हॉलीवुड और बाकी कंटेट के कारण फिल्ममेकर्स वही चीज देश में करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन आप ऐसा क्यों कोशिश कर रहे हैं? लोगों को यह चीज पहले से ही हॉलीवुड से मिल रही है और वो इसे क्वालिटी से लेकर कहानी कहने के अंदाज और परफॉर्मेंस के लिहाज से काफी बेहतर कर रहे हैं।’
ऋषभ शेट्टी ने बॉलीवुड फिल्ममेकर्स को दी यह सलाह
साल 2022 बॉलीवुड के लिए बेहद बुरा रहा है। इस साल रिलीज हुईं कुछेक फिल्मों को छोड़ दें तो ज्यादातर फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिटी हैं। ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’, ‘द कश्मीर फाइल्स’, ‘भूल भुलैया 2’ और ‘ब्रह्मास्त्र’ के अलावा कोई और फिल्म न तो थिएटर्स में दर्शकों को खींच सकी और न ही कमाई कर सकी। इनमें ‘लाल सिंह चड्ढा’ से लेकर ‘रक्षा बंधन’, ‘राम सेतु’, ‘गुडबाय’ और ‘थैंक गॉड’ जैसी कई और फिल्में शामिल हैं।
ऋषभ शेट्टी ने आगे बॉलीवुड फिल्ममेकर्स को सलाह दी कि अब उन्हें क्या करने की जरूरत है। ऋषभ शेट्टी ने कहा कि ओटीटी पर वेस्टर्न कंटेंट लोगों को हर भाषा में मिल रहा है और व्यापक रूप से मिल रहा है, लेकिन वैसी कहानियां नहीं मिल रही हैं, जिनसे वो रिलेट कर सकें।
ऋषभ शेट्टी बोले, ‘अब ओटीटी पर, बाकी प्लेटफॉर्म पर खूब वेस्टर्न कंटेंट है जो मिल रहा है। एक चीज जो नहीं मिल रही है, वह है मेरे गांव की कहानी। वो अपने क्षेत्र की कहानी, जड़ों और मूल्यों से जुड़ी हुई कहानी…वो आपको दुनिया में कहीं नहीं मिलेगी। आप कहानी सुनाने वाले हो और आपके क्षेत्र में ढेर सारी कहानियां हैं। आपको वही कहानियां लोगों तक लाने की जरूरत है।’
‘कांतारा’ की 33 दिनों में हुई कमाई
वहीं बात करें ‘कांतारा’ की तो 16 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने 33 दिनों में वर्ल्डवाइड 309 करोड़ रुपये कमा लिए। पौराणिक कथाओं पर बनी ‘कांतारा’ को कन्नड़ में 30 सितंबर को रिलीज किया गया था। वहीं हिंदी, तमिल, तेलुगू और मलयालम में यह 14 अक्टूबर को रिलीज हुई थी। ‘कांतारा’ ने सभी भाषाओं में 33 दिनों में देश में 241.59 करोड़ रुप कमाए। वहीं 19 दिनों में ‘कांतारा’ के हिंदी वर्जन ने 47.55 करोड़ रुपये का बिजनेस किया।
Compiled: up18 News
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