विपक्षी दलों से संबद्ध नौ नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ख़त लिखा है. ये ख़त दिल्ली के डिप्टी सीएम रह चुके मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी के विरोध में लिखा गया है. हाल ही में सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ़्तार किया है. ख़त में इन नेताओं ने केंद्रीय एजेंसियों के ग़लत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है.
इस ख़त में जिन नौ नेताओं ने साइन किए हैं उनमें केसी राव, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान, तेजस्वी यादव, फ़ारूख़ अब्दुल्ला, शरद पवार, उद्धव ठाकरे और अखिलेश यादव शामिल हैं.
ख़त में कांग्रेस से जुड़े किसी नेता ने साइन नहीं किया है. हाल के दिनों में राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई नेता 2024 चुनाव से पहले विपक्षी एकता की बात करते दिखे हैं.
ख़त में क्या-क्या लिखा है?
हम उम्मीद करते हैं कि आप इस पर सहमत होंगे कि भारत अब भी लोकतांत्रिक देश है.
लोकतंत्र में जनता सबसे ऊपर होती है. जनता के दिए बहुमत का सम्मान करना चाहिए. भले ही फिर वो आपकी विचारधारा आपकी पार्टी से इतर हो.
केंद्रीय एजेंसियों और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का अपने हितों के लिए इस्तेमाल निंदनीय है.
केंद्रीय एजेंसियों का विपक्षी नेताओं के ख़िलाफ़ इस्तेमाल से ऐसा लगता है कि हम लोकतंत्र से तानाशाही की ओर बढ़ रहे हैं.
2014 के बाद से ही विपक्षी नेताओं पर केस दर्ज किए जाने और गिरफ़्तारी के मामले काफ़ी बढ़े हैं. लालू यादव, संजय राउत, आज़म ख़ान, नवाब मलिक, अनिल देशमुख जैसे नेताओं को निशाना बनाया गया.
केंद्र और गैर-बीजेपी शासित राज्यों की सरकार के बीच मतभेद बढ़ाने का चेहरा गवर्नर बन गए हैं.
Compiled: up18 News
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