हमारे शरीर के लिए Phosphorus बहुत जरूरी है। शरीर में इसकी मात्रा बराबर रहे तो शरीर ठीक तरह से काम कर पाता है। इसकी कमी होने पर शरीर को कई तरह के नुकसान होने लगते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक व्यक्ति को अपने बेहतर स्वास्थ्य के लिए रोज 700 मिलीग्राम Phosphorus की जरूरत होती है।
फास्फोरस ही वह तत्व है जिसकी बदौलत हमारी किडनी बेहतर रूप से काम करती है। सिर्फ यही नहीं हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए भी यह बहुत जरूरी तत्व है। जब शरीर में इसकी कमी होती है तो हड्डियां कमजोर होती ही हैं साथ ही ऑर्थराइटिस, दांतों का कमजोर होना और मसूड़ों में दिक्कत जैसी समस्याएं होने लगती हैं। फास्फोरस की कमी से भूख में कमी और सामान्य संक्रमण भी हो सकता है।
अगर भोजन को सही तरह से नहीं पकाते तो फास्फोरस से भरपूर खाद्य पदार्थ भी पौष्टिकता खो देते हैं। ताजा सब्जियों को ज्यादा तापमान पर पकाने से पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।
अगर आप फलों से संपूर्ण पौष्टिकता हासिल करना चाहते हैं तो आपको चाहिए कि उनका जूस पीने के बजाय उन्हें कच्चा ही खाएं। मछली, मीट या अंडे बनाते समय उनमें बहुत ज्यादा तेल या घी इस्तेमाल न करें।
गेहूं: गेहूं से बने ब्रेड की एक स्लाइस में 57 मिलीग्राम फास्फोरस होता है। इसकी मात्रा बढ़ानी है तो वीट ब्रेड को आहार में शामिल करें।
चिकन: 75 ग्राम चिकन के जरिए आप 370 ग्राम फास्फोरस हासिल कर सकते हैं। चाहें तो चिकन की तुलना वीट ब्रेड या मंच नट्स से कर सकते हैं। चिकन के जरिए आप अपने रोजाना फास्फोरस की जरूरत को आसानी से पूरा सकते हैं।
लौकी के बीज: भूख लगने की स्थिति में लौकी के बीज बेहरतीन टाइम पास होते हैं। नियमित 100 ग्राम लौकी के बीज जरूर खाएं। 100 ग्राम लौकी के बीज में 100 मिलीग्राम फास्फोरस होता है।
• जिन लोगों का वजन जल्दी बढ़ जाता है उनके लिए फास्फोरस मेटाबॉलिज्म को सामान्य रखता है।
• यह शरीर में जमा फैट को बर्न करने में मदद करता है।
• ज्यादा कैलरी को बर्न करने मे भी सहायक होता है।
फास्फोरस की कमी से शरीर को काफी नुकसान हो सकता है। फास्फोरस कैलरी के साथ फैट बर्न करने में सहायक होता है।
-डॉ. पूनम तिवारी, डायटिशन
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