उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में पिछले साल 14 सितम्बर 2022 को दो सगी दलित नाबालिग बहनों से गैंगरेप और हत्या मामले में पॉक्सो कोर्ट ने 4 अभियुक्त को दोषी करार दिया है.
दोष सिद्ध होने में 11 महीने का वक्त लगा है. पॉक्सो कोर्ट ने मुख्य अभियुक्त जुनैद समेत 4 अभियुक्तों को दोषी करार दिया है.
पॉक्सो कोर्ट के जज राहुल सिंह ने चार अभियुक्तों जुनैद, सुनील उर्फ छोटू, आरिफ और करीमुद्दीन को गैंगरेप, हत्या, साक्ष्य मिटाने समेत तमाम धाराओं में दोषी करार दिया.
कोर्ट ने सभी अभियुक्तों के ऊपर से एससी एसटी एक्ट को हटा दिया है.
एडीजीसी ब्रजेश कुमार पाण्डेय के अनुसार, “अदालत ने चार आरोपियों पर ही अभी फैसला सुनाया है, चारों को दोषी माना है, अभी दो आरोपियों पर फैसला आना है, इनमें से एक का केस जुवेनाइल बोर्ड में चल रहा. अदालत ने 14 अगस्त को सजा पर सुनवाई की तारीख तय की है.”
क्या है मामला?
14 सितम्बर 2022 को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के निघासन कोतवाली इलाके के एक गाँव में दो सगी नाबालिग बहनों की लाश गन्ने के खेत में एक पेड़ से लटकी मिली थीं.
मृतक लड़कियों की माँ ने गाँव के ही सुनील उर्फ छोटू समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. एफआईआर में आरोप था कि कुछ लड़के मोटरसाइकिल से दोनों बहनों को अगवा कर ले गए और रेप के बाद हत्या कर दी गई.
घटना को आत्महत्या का रूप देने के लिए दोनों बहनों को उन्ही के दुपट्टों से लटका दिया गया था. मामले में पुलिस ने मुख्य अभियुक्त जुनैद समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था.
गिरफ्तारी के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. एजेंसी ने घटना के 15 दिनों के अंदर ही कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था.
Compiled: up18 News