राहुल गांधी को अयोग्य ठहराये जाने के विरोध में हंगामा कर रहे 16 कांग्रेसी विधायक गुजरात विधानसभा से निलंबित

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गुजरात में राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने कि खिलाफ कांग्रेस विधायकों ने सोमवार को गुजरात विधानसभा के बजट सत्र के दौरान हंगामा किया। इसके बाद कांग्रेस के 17 में से 16 विधायकों को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए 29 मार्च तक सदन में हंगामा करने और सांसद के रूप में राहुल गांधी की अयोग्यता को लेकर सदन में विरोध-प्रदर्शन करने के लिए निलंबित कर दिया गया।

हंगामे के दौरान मुख्य विपक्षी दल के कुछ विधायक सदन के वेल में आकर बैठ गए, उन्हें मार्शलों के जरिये बाहर कर दिए गया। इनमें इमरान खेड़ावाला, जेनीबेन ठाकोर और अमृतुतजी ठाकोर शामिल हैं। इन्होंने विधानसभा स्पीकर शंकर चौधरी द्वारा बार-बार अपील किए जाने के बावजूद भी अपनी सीटों पर वापस जाने से इनकार कर दिया। अनंत पटेल को छोड़कर कांग्रेस के बाकी 16 विधायक सोमवार को सदन में मौजूद थे।

जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता पर चर्चा की मांग करते हुए दावा किया कि लोगों से संबंधित मुद्दों को उठाने के लिए उन्हें भाजपा सरकार द्वारा चुप करा दिया गया है। गौरतलब है कि राहुल गांधी को सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है क्योंकि सूरत की एक अदालत ने उन्हें 23 मार्च को 2019 के एक आपराधिक मानहानि मामले में उनकी “मोदी उपनाम” टिप्पणी पर दोषी ठहराया था और उन्हें दो साल के लिए जेल की सजा सुनाई थी।
राहुल गांधी की अयोग्यता के विरोध में सोमवार को कांग्रेस के सभी विधायक काले कपड़े पहनकर गुजरात विधानसभा पहुंचे थे। स्पीकर शंकर चौधरी ने चावड़ा को यह कहते हुए बैठने को कहा कि प्रश्नकाल के दौरान चर्चा की अनुमति नहीं है और उन्हें बाद में इस मुद्दे को उठाने के लिए कहा। इस दौरान कांग्रेस के अन्य विधायक वेल के पास पहुंच गए और मोदी-अदाणी भाई-भाई के नारे लगाने लगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गौतम अदाणी के संंबंद वाली तख्तियां और तस्वीरें भी दिखाईं।

गुजरात विधानसभा में प्रश्नकाल की समाप्ति के बाद, राज्य के विधायी और संसदीय मामलों के मंत्री ऋषिकेश पटेल ने अराजकता के लिए कांग्रेस विधायकों को फटकार लगाई और 29 मार्च तक चलने वाले बजट सत्र के अंत तक उन सभी को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया। पटेल ने कहा कि यह जानते हुए भी कि वे जो विषय उठा रहे हैं वह गुजरात का नहीं है, इन कांग्रेस सदस्यों ने पूर्व नियोजित रणनीति के तहत अराजकता पैदा की और नारे लगाए। उन्होंने इसके माध्यम से गुजरात के लोगों को गुमराह किया। इस प्रकार, हम आपसे उन्हें सत्र के अंत तक निलंबित करने का अनुरोध करते हैं।

मंत्री बलवंत सिंह राजपूत और राघवजी पटेल ने भी पटेल के प्रस्ताव का समर्थन किया। आम आदमी पार्टी के विधायकों द्वारा कोई आपत्ति नहीं जताए जाने के बाद पटेल द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। स्पीकर चौधरी ने कहा कि ये कांग्रेस विधायक काले कपड़े पहनकर आए और नारे लगाए। मैंने उनसे इस तरह की गतिविधि में शामिल नहीं होने का अनुरोध किया। इसलिए विधानसभा के नियम 52 के अनुसार, मैं उन सभी विधायकों को निलंबित करता हूं, जिन्होंने सदन में विरोध-प्रदर्शन किया और नारे लगाए।