पाकिस्तान के कराची में 150 साल पुराने के हिंदू मंदिर, मारी माता मंदिर को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। .ये मंदिर कराची के सोल्जर बाजार में स्थित था। दूसरी घटना में ने रविवार तड़के सिंध के काशमोर में हिंदू समुदाय के सदस्यों के एक पूजा स्थल पर ‘रॉकेट लॉन्चर’ से हमला किया. 24 घंटे से भी कम समय में किसी हिंदू पूजा स्थल में तोड़फोड़ की यह दूसरी घटना है इससे पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोग दहशत में हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कराची के सोल्जर बाजार में मारी माता का मंदिर है। ये 150 साल से भी अधिक पुराना मंदिर है। इसे शुक्रवार (14 जुलाई) की रात एक अज्ञात बिल्डर ने शॉपिंग प्लाजा बनाने के लिए तोड़ दिया। कहा जा रहा है कि मंदिर की जमीन को एक शॉपिंग प्लाजा प्रमोटर को सात करोड़ रुपये में बेच दी गई है। इसके बाद शुक्रवार की रात पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में मंदिर पर बुलडोजर चला दिया गया। पिछले साल जून में ही मरी माता मंदिर में हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को तोड़ दिया गया था।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार कराची के श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी राम नाथ मिश्रा महराज ने बताया कि मरी माता मंदिर का निर्माण 150 साल पहले हुआ था। हमने इसके आंगन में दबे पुराने खजाने के बारे में कहानियां भी सुनी हैं। यह लगभग 400 से 500 वर्ग गज में फैला हुआ है और पिछले कुछ समय से इस बात की चर्चा थी कि जमीन हड़पने वालों की नजर इस पर थी।
इस बीच मद्रासी हिंदू समुदाय के एक सदस्य ने कहा कि उन्हें दो व्यक्तियों इमरान हाशमी और रेखा उर्फ नागिन बाई की ओर से घर खाली करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। ऐसी भी चर्चा थी कि मंदिर को नामित दोनों लोगों ने 70 मिलियन रुपये की राशि में किसी अन्य पार्टी को बेच दिया गया था और खरीदार वहां एक व्यावसायिक भवन बनाना चाह रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना से कराची में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोग दहशत में हैं। कोरंगी इलाके के एक हिंदू निवासी संजीव ने अखबार को बताया कि मोटरसाइकिल पर छह से आठ लोग वहां आए और मंदिर पर हमला कर दिया। पाकिस्तान में अक्सर मंदिर भीड़ की हिंसा का निशाना बनते रहे हैं। कोटरी, भोंग शहर और सुक्कुर-मुल्तान मोटरवे में सिंधु नदी के तट पर स्थित दर्जनों मंदिर नष्ट हो गए हैं।
क्षेत्र के एक हिंदू समुदाय के नेता, रमेश ने कहा कि मंदिर प्रबंधन पिछले कुछ समय से परिसर खाली करने के दबाव में था क्योंकि जमीन जाली दस्तावेजों पर एक डेवलपर को बेच दी गई थी जो भूखंड पर एक शॉपिंग मॉल बनाना चाहता था। हिंदू समुदाय ने पाकिस्तान-हिंदू परिषद, सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह और सिंध पुलिस के महानिरीक्षक से इस मामले में दखल देने की मांग की है। वहीं, पाक सरकार का कहना है कि मंदिर का स्ट्रक्चर काफी जर्जर हो गया था। इसलिए इसे गिरा दिया गया।
काशमोर में, हमलावरों ने घौसपुर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में मंदिर और आसपास के हिंदुओं के घरों पर हमला किया। उन्होंने मंदिरों और घरों पर अंधाधुंध गोलीबारी की. गोलीबारी की आवाज के बाद काश्मोर-कंधकोट के एसएसपी इरफान सैम्मो के नेतृत्व में पुलिस की एक इकाई घटनास्थल पर पहुंची।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि डकैतों ने पूजा स्थल पर ‘रॉकेट लॉन्चर’ दागे। सौभाग्य से, हमले के दौरान मंदिर बंद था. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस अधिकारी ने कहा कि मंदिर बागड़ी समुदाय द्वारा संचालित धार्मिक सेवाओं के लिए हर साल खुलता है।
شری پنچ مکھی ہنومان مندر کے شری رام ناتھ مشرا مہاراج نے ڈان کو بتایا کہ یہ 150 سال پہلے بنایا گیا تھا، ہم نے اس کے صحن میں دفن پرانے خزانوں کے بارے میں بھی کہانیاں سنی ہیں۔
اس کے علاوہ یہ بات بھی سنی گئی کہ مندر کو دونوں افراد عمران ہاشمی اور ریکھا عرف نگین بائی نے 7 کروڑ روپے… pic.twitter.com/QwXWHe6DD2
— DawnNews (@Dawn_News) July 16, 2023
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