यूक्रेन सीमा के पास रूसी सेना के ट्रेनिंग कैंप पर हमला, 11 सैनिकों की मौत

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सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए के मुताबिक़ हथियारों की ट्रेनिंग के दौरान दो लोगों ने उस समूह पर गोलीबारी शुरू कर दी जो यूक्रेन में युद्ध लड़ने के लिए वॉलंटियर कर रहा था.

रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हमलावर पूर्व सोवियत संघ के ही एक देश के नागरिक थे. हालांकि उनके बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं दी गई.

जवाबी फायरिंग में सेना के जवानों ने दोनों हमलावरों को मार गिराया.
इस हमले में 15 लोग घायल हुए हैं.

आरआईए ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया, ‘‘विशेष सैन्य अभियान (यूक्रेन के ख़िलाफ़) में शामिल होने के लिए वॉलंटियर करने वालों को हथियारों की ट्रेनिंग दी जा रही थी, तभी आतंकवादियों ने यूनिट के लोगों पर हमला कर दिया.’’

मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस गोलीबारी में 11 लोगों की मौत हो गई है और अन्य 15 लोग जो बेहद गंभीर रूप से जख़्मी थे उन्हें अस्पताल भेजा गया है.’’

हमलावरों को लेकर दावा

बीते महीने रूसी राष्ट्रपति ने करीब तीन लाख ऐसे लोगों को लड़ाई के लिए तैयार रहने के लिए कहा था जो पहले सेना में रह चुके हों, या उनके पास उसकी ट्रेनिंग हो.
इस आदेश के बाद रूस के कई इलाकों में हलचल देखने को मिली और विरोध प्रदर्शन भी हुए. कई शहरों से लोग रूस छोड़कर दूसरे देश भागने लगे.

अक्टूबर की शुरुआत में रक्षा मंत्री सरगेई शोइगू ने बताया था कि दो लाख से अधिक लोग इस मिशन से जुड़ना चाहते हैं.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के एक सलाहकार ओलेक्सी अरेस्टोविच ने एक इंटरव्यू में कहा कि हमलावर मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान के थे और धर्म के नाम हुई किसी बहस के बाद उन्होंने गोली चलाई.

ताजिकिस्तान एक मुसलमान बहुल देश है जबकि रूस के आधे से अधिक लोग अलग-अलग मान्यताओं के साथ ईसाई धर्म मानते हैं.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक यूक्रेन के राष्ट्रपति ने फरवरी में युद्ध शुरू होने से अब तक करीब 65000 रूसी मारे गए हैं. यह आंकड़ा रूस के आधिकारिक आंकड़े से 10 गुना ज़्यादा है.

रूस के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यह आंकड़ा 5937 है. वहीं अगस्त में अमेरिका ने दावा किया था कि युद्ध में रूस के अब तक 70 से 80 हज़ार सैनिकों को नुकसान पहुंचा है. इनमें जख्मी और मरने वाले सैनिक दोनों शामिल हैं.

-एजेंसी