हाइपरटेंशन 90 प्रतिशत लोगों में है जागरूकता की कमी

Health

आज वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे है। दुनियाभर में इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 17 मई को हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर डे मनाया जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है जो तेजी से बढ़ रही है और लोग इसे आम समस्या समझते हैं। हाइपरटेंशन एक ऐसी बीमारी जिसमें कोई खास लक्षण नहीं दिखते और यह बिना किसी चेतावनी के आती है इसलिए इसे साइलेंट किलर कहते हैं।

आज हर तीसरा व्यक्ति हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित है, बावजूद इसके करीब 90 प्रतिशत लोगों में इस बीमारी को लेकर जागरुकता की कमी है। हाई बीपी पर अगर समय रहते कंट्रोल न किया जाए तो इसकी वजह से कई दूसरी जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं।

हर 3 में से 1 व्यक्ति हाइपरटेंशन का शिकार

हाइपरटेंशन कई कारणों से होता है, जिनमें से कुछ कारण शारीरिक और कुछ मानसिक होते हैं। हाइपरटेंशन में हार्ट, किडनी व शरीर के अन्य अंग काम करना बंद कर सकते हैं। इसके अलावा हाई बीपी के कारण आंखों पर भी असर पड़ता है। हाइपरटेंशन में रक्तचाप 140 के पार पहुंच जाता है इसलिए इस बीमारी को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनियाभर में हर 3 में से 1 व्यक्ति हाइपरटेंशन की समस्या से पीड़ित है।

एक अनुमान के मुताबिक 2020 तक शहरी इलाकों में हाइपरटेंशन की घटनाएं 20 से 40% तक और ग्रामीण क्षेत्रों में 12 से 17% तक होने की संभावना है।

90 फीसदी लोग नहीं हैं जागरूक

इस बीमारी से ग्रस्त 90 प्रतिशत रोगियों को हाइपरटेंशन के कारण के बारे में भी जानकारी नहीं है। अधिकतर लोगों को तो यह भी मालूम नहीं है कि उन्हें उच्च रक्तचाप की शिकायत है। इस वजह से स्थिति के और भी गंभीर होने की आशंका बढ़ जाती है।

एथेरोक्लेरोसिस है वजह

हाइपरटेंशन का मुख्य कारण एथेरोक्लेरोसिस है। हृदय से शरीर के बाकी हिस्सों में ऑक्‍सिजन और पोषक तत्व पहुंचाने वाली रक्त वाहिनियों में कलेस्ट्रॉल, वसा पदार्थ, कोशिकाओं का अनुपयोगी पदार्थ, कैल्शियम और फाइब्रिन से प्लाक का निर्माण हो जाता है जिससे एथेरोक्लेरोसिस नामक बीमारी हो जाती है। इससे शरीर में रक्तचाप का स्तर बढ़ जाता है।

ब्रेन स्ट्रोक का खतरा दोगुना

हाइपरटेंशन की वजह से ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा दोगुना हो जाता है। एक अनुमान के अनुसार हर पांचवा व्यक्ति रक्त चाप से ग्रस्त है। ऊपर का ब्लड प्रेशर हर 10 एमएम हीमोग्राम बढ़ने से इस्कीमिक स्ट्रोक (नस ब्लड का थक्का जमना) का खतरा करीब 28 प्रतिशत तथा हैमेरेजिक स्ट्रोक (नस फटना) का खतरा करीब 38 प्रतिशत बढ़ता है।

इन वजहों से बढ़ता है ब्लड प्रेशर

कलेस्ट्रॉल का बढ़ना
मोटापा
आनुवांशिक कारण
ज्यादा मांसाहार का सेवन
ज्यादा तैलीय भोजन करना
शराब पीना

हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर कंट्रोल में रहेगी बीमारी

डॉक्टर और मेडिकल एक्सपर्ट्स की मानें तो हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करना मुश्किल नहीं हैं। हेल्दी लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों में सुधार कर आप इसे नियंत्रित कर सकते हैं। इस बीमारी को कंट्रोल करना इसलिए भी जरूरी क्योंकि अगर बीपी कंट्रोल में न रहे तो दिल से जुड़ी बीमारियां और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

-एजेंसियां