मैं दक्षिण और उत्तर भारत की फ़िल्मों के बीच बंटवारे के हमेशा ख़िलाफ़ था: धनुष

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दक्षिण भारतीय फ़िल्मों से अपना करियर शुरू करने वाले एक्टर धनुष की एक और हिंदी फ़िल्म “अतरंगी रे” के साथ लौट रहे हैं.

इस फ़िल्म की रिलीज़ से पहले पत्रकारों से हुई बातचीत में उन्होंने कहा है कि विभिन्न भारतीय फ़िल्म उद्योगों का आपसी मेलजोल मनोरंजन के क्षेत्र में देश के लिए एक “स्वस्थ” संकेत है.

समाचार एजेंसी पीटीआई से हुए बातचीत में उन्होंने कहा, “मैं दक्षिण और उत्तर भारत की फ़िल्मों के बीच बंटवारे के हमेशा ख़िलाफ़ था.”

उन्होंने 24 दिसंबर को रिलीज़ होने जा रही नई हिंदी फ़िल्म ”अतरंगी रे” के बारे में बताया है कि यह एक भारतीय फ़िल्म है और यह हमेशा ऐसा ही होना चाहिए.”

धनुष ने कहा, “हम बहुत तेज़ी से वैसे बदलाव की ओर जा रहे हैं. यह बहुत अच्छी बात है. इससे हमारी फ़िल्म, एक्टर और सभी रचनात्मक लोगों को फ़ायदा हो रहा है.”

उन्होंने अपने ससुर और सुपरस्टार रजनीकांत के साथ आर राजामौली की फ़िल्म बाहुबली की शानदार सफलता को श्रेय देते हुए कहा कि इनके चलते अखिल भारतीय सिनेमा अब अंतर्राष्ट्रीय पटल तक पहुंच सका है.

धनुष ने कहा, “शुरू में ये घटना रजनीकांत के साथ हुई. वो पहले राष्ट्रीय और फिर अंतर्राष्ट्रीय हो गए. जापान, कनाडा, अमेरिका हर जगह उनकी बड़े प्रशंसक हैं. उसके बाद बाहुबली ने ये काम किया. इन दोनों ने ट्रेंड सेट कर दिया.”

उन्होंने कहा, “हमारे फ़िल्म उद्योग के साथ ये बहुत ख़ूबसूरत चीज़ हुई है. इसने हमें बताया कि ये हम ही हैं जो ख़ुद को सीमित कर रहे हैं. इसका दायरा बहुत बड़ा है, ज़रूरत है हमें ख़ुद को आगे बढ़ाने की.”

कौन हैं धनुष?

धनुष को अभिनय के लिए दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है. उन्हें आदुकलम, 3, मारी, असुरन और कर्णन जैसी तमिल फ़िल्मों के लिए जाना जाता है. उन्होंने 2013 में रांझणा फ़िल्म के ज़रिए हिंदी फ़िल्म उद्योग यानी बॉलीवुड में क़दम रखा था, जो काफ़ी हिट रही थी.

उसके बाद उन्होंने आर बाल्की के निर्देशन में 2015 में शमिताभ फ़िल्म में अमिताभ बच्चन के साथ भी काम किया था. अब कई साल बाद वो फिर से निर्देशक आनंद एल राय की फ़िल्म “अतरंगी रे” के साथ बॉलीवुड में लौट रहे हैं. इस फ़िल्म में उन्होंने सारा अली ख़ान और अक्षय कुमार के साथ काम किया है.

-एजेंसियां