Depression

भारत में हर 10 में से 5 व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार

Health

आज की भागती दौड़ती जिंदगी में हर व्यक्ति को किसी न किसी की बात की चिंता हमेशा रहती है और यह चिंता ही Depression का कारण बनता है। अपने देश की बात करें तो यहां हर 10 में से 5 व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार है। Depression अपने आप में एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इसकी वजह से इंसान के शरीर में कई और गंभीर बीमारियां जन्म ले लेती हैं। अगर आप भी किसी चीज के बारे में ज्यादा सोचते हैं, तो आप भी Depression के साथ ही कई दूसरी बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।

कैंसर का खतरा

तुलसी हेल्थ केयर के मनोचिकित्सक डॉ. गौरव गुप्ता बताते हैं कि कैंसर के लगभग 60 प्रतिशत रोगी डिप्रेशन से ग्रस्त होते हैं क्योंकि Depression के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। किसी भी व्यक्ति के डिप्रेशन में होने के पीछे मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, आनुवांशिक और बायोलॉजिकल कारण हो सकते हैं। डिप्रेशन से पीड़ित रोगी का उपचार आमतौर पर साइको थेरपी से किया जाता है।

डिमेंशिया का रिस्क

एक अमेरिकन मैग्जीन में पब्लिश रिसर्च से पता चला है कि Depression से ग्रस्त लोगों में डिमेंशिया यानी मनोभ्रम होने का खतरा सामान्य से दो गुना ज्यादा हो सकता है। डिमेंशिया से इंसान की मानसिक क्षमता, व्यक्तित्व और व्यवहार पर प्रभाव पड़ता है। जिन लोगों को डिमेंशिया होता है, उनकी याद्दाश्त भी कमजोर हो जाती है।

समय से पहले बुढ़ापा

पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिस्ऑर्डर (पीटीएसडी) एक तरह की मानसिक बीमारी है, जिससे पीड़ित लोगों को समय से पहले बुढ़ापा आने का खतरा होता है। एक रिसर्च में यह बात सामने आई है। पीटीएसडी कई मानसिक विकारों जैसे गंभीर डिप्रेशन, गुस्सा, नींद न आना, खान-पान संबंधी रोगों और मादक द्रव्यों के सेवन से जुड़ी बीमारी है। यह रिसर्च अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ फ्लोरिडा में हुई है।

दिल की बीमारियां

डॉ. गौरव गुप्ता का कहना है कि एक स्टडी में पाया गया है कि बचपन के Depression का अगर जल्द इलाज और रोकथाम कर लिया जाए तो वयस्क होने पर दिल की बीमारी का खतरा कम हो सकता है। डिप्रेशन से पीड़ित बच्चों में मोटापा, निष्क्रिय होने और धूम्रपान करने की संभावना होती है, जो किशोरावस्था में ही दिल की बीमारियों के कारण बन सकते हैं।

डायबीटीज से परेशानी

डिप्रेशन की वजह से डायबीटीज भी हो सकता है। हाल के कई शोधों में यह बात सामने आई है कि डिप्रेशन से परेशानी बढ़ती है। विशेषज्ञों का मानना है कि शुगर के पीछे चिंता और तनाव का ही हाथ होता है। यदि कोई व्यक्ति डिप्रेशन से ग्रस्त है तो उसे मधुमेह होने की संभावना सामान्य व्यक्ति के मुकाबले दोगुनी होती है।

बहरेपन का खतरा

हाल ही में हुए एक शोध में बहरेपन से संबंधित एक नई जानकारी मिली है। इसकी माने तो Depression में रहने वाले लोगों को बहरेपन का खतरा ज्यादा होता है। अमेरिका में हुए इस शोध में शोधकर्ताओं ने 18 साल व इससे अधिक उम्र के पुरुषों और महिलाओं पर अध्ययन किया। इसका असर पुरुषों की तुलना में महिलाओं पर अधिक देखा गया।

-एजेंसी