धीमे चलने वालों के चेहरे पर जल्दी दिखने लगता है बुढ़ापा

Life Style

सभी लोगों की Walking speed अलग-अलग होती है। कई लोग काफी तेज चलते हैं तो कई बेहद धीमे, वहीं कुछ लोगों की Walking speed मध्यम होती है।

आप कैसे चलते हैं यह दिखाता है कि आपके शरीर के अंग कैसा काम कर रहे हैं। अगर 45 की उम्र वाला व्यक्ति बहुत धीमे चलता है तो यह दिखाता है कि वह समय से पहले बूढ़ा हो रहा है।

Jama Network Open में पब्लिश स्टडी के मुताबिक 45 साल के ऐसे व्यक्ति जो प्राकृतिक रूप से धीमी गति से चलते हैं उनके दिमाग और शरीर में जल्दी बूढ़े होने के लक्षण नजर आए। इन लक्षणों को उन 19 पैमानों को आधार बनाकर नापा गया था जिनके जरिए व्यक्ति के बुढ़ापे में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य कैसा होगा इसे टेस्ट किया जाता है।

रिसर्च में सामने आया है कि ऐसे व्यक्तियों को अल्जाइमर जैसी भूलने की बीमारी भी होने की आशंका ज्यादा रहती है। साथ ही में उनके लंग्स, दांत और इम्यून सिस्टम भी उन लोगों के मुकाबले खराब स्थिति में होता है जो प्राकृतिक रूप से मध्यम या तेज चाल रखते हैं।

इतना ही नहीं, धीमे चलने वालों के चेहरे पर बुढ़ापा भी जल्दी दिखने लगता है। आठ लोगों के पैनल द्वारा अलग-अलग उम्र के लोगों की तस्वीरों पर उनकी प्रतिक्रिया को नोट करने पर यह निष्कर्ष निकला है।

यूएस की ड्यूक यूनिवर्सिटी के रिसर्च्स ने कहा कि जो नतीजे सामने आए हैं वह हैरान करने वाले हैं। उन्होंने बताया कि बच्चा जब तीन साल का होता है तब उसके दिमाग के विकास के आधार पर वैज्ञानिक इसका पता लगा सकते हैं कि वह मध्य आयु वर्ग में पहुंचने पर कितना तेज चलेगा।

साथ ही में उसके आईक्यू स्कोर, भाषा को समझने की काबिलियत, मोटर स्किल्स और इमोशनल कंट्रोल के जरिए भी इसका पता लगाया जा सकता है। स्लो और तेज चलने वाले बच्चों के आईक्यू के बीच 12 अंक का अंतर पाया गया है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि व्यक्ति कैसे चलता है यह उसके अंगों और वह कितने स्वस्थ हैं इस पर निर्भर करता है।

उनका मानना है कि चीजों को समझने और उन पर प्रतिक्रिया देने की क्षमता को भी चलने की रफ्तार से जोड़ा जा सकता है। यही वजह है कि धीमी रफ्तार दिखाती है कि व्यक्ति के ऑर्गन्स का फंक्शन खराब हो रहा है, जो उन्हें समय से पहले बूढ़ा करने के साथ ही इसके साथ आने वाली बीमारियों का शिकार भी बना देता है।

-एजेंसियां