जरूरी सावधानी बरत कर सर्दी में बच्चों का निमोनिया से किया जा सकता है बचाव

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सर्दी बढ़ गई है, ऐसे में बच्चों में सर्दी के मौसम में निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है. लेकिन लोग इसे साधारण सर्दी-खांसी समझ कर लापरवाही कर देते हैं. जबकि ये बैक्टीरियल इंफेक्शन है. अगर इसका समय रहते सही तरह से इलाज न किया जाए तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकती है. निमोनिया होने पर फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं और इससे श्वसन प्रणाली प्रभावित होती है. इसके कई दुष्परिणाम हो सकते हैं। निमोनिया होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं और कुछ आसान उपायों के जरिए इससे खुद का बचाव कर सकते हैं.

बच्चों में लक्षण पहचानकर डॉक्टर से करें संपर्क

एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज यादव ने बताया कि सर्दी में बच्चों को निमोनिया का खतरा अधिक होता है. इस मौसम में शिशु को ठंड से बचाना चाहिए. उन्हें पूरे कपड़े पहनाकर रखें। कान बांधकर रखें, सर्दी से बचाएं। उन्होंने बताया कि बच्चों में तेज सांस लेना, घरघराहट आदि भी निमोनिया का संकेत हो सकते हैं, निमोनिया के आम लक्षणों में खांसी, सीने में दर्द, बुखार और सांस लेने में मुश्किल आदि होते हैं. उल्टी होना, पेट या सीने के निचले हिस्से में दर्द होना, कपकपी, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द भी निमोनिया के लक्षण है. 5 साल से कम उम्र के ज्यादातर बच्चों में निमोनिया होने पर उन्हें सांस लेने तथा दूध पीने में भी दिक्कत होती है और भी सुस्त हो जाते हैं बच्चों की इम्यूनिटी मजबूत बनी रहे इसलिए जन्म के तुरंत बाद बच्चे को मां का पहला गाढ़ा दूध जिसे कोलेस्ट्रम कहते हैं अवश्य पिलाना चाहिए. I

कोविड-19 के संक्रमणकाल में निमोनिया ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए कोरोना से बचाव के नियमों का भी पालन करें। हाथों को नियमित रूप से धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें.

लक्षण:

निमोनिया के लक्षण हल्के से गंभीर तक हो सकते हैं, जो संक्रमण के कारण, रोगाणु के प्रकार अथवा आपकी उम्र व स्वास्थ्य पर निर्भर करता है. सामान्य लक्षण अक्सर सर्दी या फ्लू के समान होते हैं लेकिन लंबे समय तक रहते हैं, अन्य लक्षण हैं-

-सांस लेने या खांसने पर सीने में दर्द
– खांसी जो कफ पैदा कर सकती है
– बुखार पसीना और कपकपी ठंड
– मतली उल्टी या दस्त
– सांस लेने में परेशानी
– सामान्य शरीर के तापमान से कम

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