चार दिवसीय छठ महापर्व 18 नवंबर से शुरू, न मेला लगेगा न होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम

Religion/ Spirituality/ Culture

पटना। चार दिवसीय छठ महापर्व (Chhath mahaparva) 18 नवंबर से शुरू होगा, 18 नवंबर को नहाय-खाय और 19 नवंबर को खरना है। 20 नवंबर को पहला अर्घ्य और 21 नवंबर को दूसरा अर्घ्य है। इस बार कोरोना (COVID-19) महामारी की वजह से इस बार तालाबों और नदियों के किनारे छठ महापर्व का आयोजन नहीं किया जा सकेगा।

छठ महापर्व के दौरान श्रद्धालुओं के लिए नदियों व तालाबों में केंद्र सरकार के निर्देशों और सोशल डिस्टेंसिंग (दो गज दूरी) का पालन संभव नहीं है, ऐसे में लोगों को अपने घरों में ही इस बार छठ महापर्व का आयोजन करना होगा।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए रविवार को छठ महापर्व को लेकर झाारखंड व ब‍िहार राज्य के गृह विभाग ने अपने अपने दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसके तहत लोगों को घरों पर ही महापर्व के आयोजन के लिए प्रेरित किया जाएगा। लोगों को सलाह दी गई है कि वह नदियों के बजाए घरों पर ही अर्घ्य दें। इस दफे छठ के अवसर पर न मेला लगेगा ना ही जागरण और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।

दोनों राज्यों के गृह विभागों ने जिला प्रशासन को छठ पूजा समितियों, नागरिक इकाइयों, वार्ड पार्षदों, त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ समन्वय बनाकर कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए केन्द्र व राज्य सरकार के निर्देशों का प्रचार-प्रसार करने को कहा है। दिशा-निर्देश के मुताबिक गंगा नदी समेत अन्य महत्वपूर्ण नदियों के किनारे घाटों पर छठ महापर्व के दौरान अत्यधिक भीड़ होती है। ऐसे में सामाजिक दूरी का पालन करा पाना कठिन है। अत: लोगों को घरों पर ही छठ पूजा करने के लिए प्ररित किया जाए। गृह विभाग ने नदियों के साथ तालाब पर कोरोना के संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए छठ पर्व के दौरान सुबह व शाम दिए जानेवाले अर्घ्य को घर पर ही करने की सलाह भी देने को कहा है।

– एजेंसी