सिरका, जिसे हम ज़ायक़े के लिए इस्तेमाल करते हैं, उसे भी कई बीमारियों के इलाज में राम बाण कहा जाता है. हर किसी के पास सिरके से जुड़ी कोई न कोई जादुई कहानी है.
यूं भी हमारे देशी खाने में जितने भी मसाले इस्तेमाल होते हैं, उन सभी का कोई ना कोई औषधीय गुण बताया जाता है.
यूं तो सिरका कई क़िस्म का होता है लेकिन सेब का सिरका सबसे ज़्यादा फ़ायदेमंद बताया जाता है.
इतिहास की कई किताबों में भी सिरके का ज़िक्र मिलता है.
ग्रीस के मशहूर चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स खांसी, नज़ले के इलाज के लिए मरीज़ों को सिरका पीने को देते थे.
संक्रमण, खट्टी शराब में सिरका
साल 1348 में जब यूरोप में ताऊन यानी प्लेग की बीमारी फैली थी तो इटली के चिकित्सक टोमासो डेल गार्बो ने लोगों को सिरके से हाथ-मुंह धोने की सलाह दी थी. माना जाता था कि सिरका किसी भी तरह का संक्रमण या इन्फेक्शन रोकने में कारगर होता है.
प्राचीन काल के रोमन साम्राज्य से लेकर आज के दौर तक सिरके का इस्तेमाल खट्टी शराब के तौर पर भी हुआ है.
यही नहीं, रोम के सैनिकों से लेकर मॉडर्न खिलाड़ी तक अपनी प्यास बुझाने के लिए सिरके इस्तेमाल करते रहे हैं. इसके फ़ायदों के पक्ष में अथाह मिसालें मिलती हैं.
पर, क्या वाक़ई सिरका इतना फ़ायदेमंद होता है? क्या वाक़ई सिरके में जादुई गुण हैं?
एक रिसर्च से पता चलता है कि अगर खाना खाने के बाद सिरके का इस्तेमाल किया जाए तो इससे ब्लड शुगर संतुलित रहती है.
रिसर्च के तहत डायबिटीज़ के 11 मरीज़ों को खाने के बाद क़रीब 20 मिलीलीटर सेब का सिरका पिलाया गया. आधे से एक घंटे में देखा गया कि उनका ब्लड शुगर का स्तर काफ़ी हद तक संतुलित हो गया.
मोटापा कम करने में मददगार
सिरका मोटापा कम करने में भी मददगार होता है. एक अन्य रिसर्च के तहत जापान में मोटापे के 155 मरीज़ों को 15 से 30 मिलीलीटर सिरका रोज़ पीने को कहा गया.
साथ ही उनका वज़न, बदन की चर्बी और ट्राइग्लिसराइड्स को मापा गया. पाया गया कि उनके मोटापे में भारी कमी आई है.
हालांकि इस तरह की रिसर्च बहुत छोटे स्तर पर की गई हैं. लेकिन इनके नतीजे काफ़ी हौसला बढ़ाने वाले हैं. लिहाज़ा इन नतीजों की बुनियाद पर बड़े स्तर पर रिसर्च की ज़रूरत है.
मोटापे से जुड़ी एक रिसर्च जानवरों, ख़ास तौर से चूहों पर की गई है. रिसर्च में पाया गया कि सिरका इस्तेमाल करने से ब्लड प्रेशर और पेट की चर्बी घुलाने में काफ़ी मदद मिलती है.
हालांकि ये रिसर्च जानवरों पर हुई है. इंसान के मामले में इस तरह के फ़ायदे जानने के लिए व्यापक रिसर्च की ज़रूरत है.
सिरके के फ़ायदों पर तो रिसर्च की गई है लेकिन क्या इसके नुक़सान पर भी कोई रिसर्च हुई है?
इस सवाल का जवाब है, ‘नहीं.’ क्योंकि सिरका कभी नुक़सान पहुंचाता ही नहीं.
हां अगर ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल किया जाएगा तो ज़रूर नुक़सान होगा.
साथ ही इसे कांच के बर्तन में रख कर इस्तेमाल किया जाए तो इसके फ़ायदे ही फ़ायदे हैं. लेकिन इसे हरेक बीमारी का राम बाण समझना बेवक़ूफ़ी है.
-एजेंसियां
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