आर्यन खान के मामले में परेश रावल ने तोड़ी चुप्‍पी, बोले- औलाद को सोचना चाहिए, बाप का नाम न खराब हो

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मुंबई। शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान क्रूज ड्रग्‍स केस में जेल में बंद हैं। वह 14 दिनों की न्‍याय‍िक हिरासत में हैं। आर्यन पर क्रूज रेव पार्टी में ड्रग्‍स का सेवन करने का आरोप है। NCB के पंचनामे के मुताबिक आर्यन ने कुबूल किया है कि उन्‍होंने ड्रग्‍स लिया था। एक ओर जहां आर्यन की जमानत याचिका पर अब 20 अक्‍टूबर को कोर्ट का फैसला आना है, वहीं सोशल मीडिया पर भी इस केस को लेकर तमाम तरह की बातें हो रही हैं। शाहरुख खान और गौरी खान पर भी सवाल उठ रहे हैं। बॉलीवुड के दिग्‍गज एक्‍टर परेश रावल ने इस पर चुप्‍पी तोड़ी है।

परेश रावल ने कहा कि कोई भी जवान बेटों को कंट्रोल नहीं कर सकता। वह यह कभी नहीं कहेंगे कि माता-पिता ने संस्कार ऐसे दिए। परेश कहते हैं, ‘ये औलाद को सोचना होगा कि बाप का नाम खराब न हो।’

लोगों ने रिया चक्रवर्ती के करियर की वाट लगा दी

अपने चार दशक के फिल्मी करियर में सैकड़ों फिल्में कर चुके एक्टर परेश रावल इस साल ‘हंगामा 2’ और ‘तूफान’ के बाद अब ‘हम दो हमारे दो में’ नजर आने हैं। बातचीत के दौरान जब परेश रावल से पूछा गया कि आप दो जवान बेटों के पिता हैं। अभी आर्यन खान के साथ जो हुआ, उससे पिता के तौर पर क्या आपके मन में चिंता या किसी तरह का डर बढ़ा?

इस पर परेश रावल ने कहा कि ‘आर्यन के साथ क्या हुआ, उसके बारे में मैं एक पल के लिए भी कोई अनुमान नहीं लगाऊंगा। पूरी रिपोर्ट आ जाने दो, फिर बात करेंगे। नहीं तो क्या है कि यह नेशनल पासटाइम हो गया है। सुशांत सिंह राजपूत के जाने के बाद जो सर्कस चला था टीवी पर, लोगों को लॉकडाउन में जो मनोरंजन मिला था, उसमें रिपोर्ट आया नहीं, कुछ हुआ नहीं और लोगों ने ऐसी-तैसी कर दी। मैं तो ये तक कहूंगा कि रिया चक्रवर्ती के भी करियर की वाट लगा दी। इसलिए मैं कुछ नहीं कहूंगा, जब रिपोर्ट आएगी, तब बात करेंगे और रिपोर्ट आने के बाद भी मेरी बात करना कोई जरूरी नहीं है। मैं कोई थोड़े ही जजमेंट पास करूंगा। सबको अपनी जिंदगी, अपना-अपना देखना है। मैं क्यों घर में बैठकर जजमेंट दूं।’

औलाद को सोचना चाहिए, बाप का नाम न खराब हो

परेश रावल आगे कहते हैं कि ‘रही बात मेरे बेटों की, तो बतौर पिता आप अपनी जिम्मेदारी पूरी करते हैं लेकिन आप बेटों की जिंदगी कंट्रोल नहीं कर सकते। बेटे जवान हो जाते हैं तो उनकी जिंदगी अपनी होती हैं। उनको सोचना है। जो करना है, उनको करना है। आप क्या पीछे-पीछे भागोगे कि बेटा कहां जा रहा है, क्या कर रहा है। ये तो मुमकिन ही नहीं है। मैं ये भी नहीं कहूंगा कि आपने संस्कार ऐसे दिए। अरे, घर में संस्कार अच्छे दिए पर बेटा बाहर जाकर बुरी संगत में आ जाए तो क्या करोगे आप? तो जो सोचना है, औलाद को सोचना है कि मेरे बाप ने मेहनत करके इतना नाम बनाया है, वो नाम न बिगड़े।’

ओएमजी 2 नहीं, OMG 3 करूंगा

इन दिनों फिल्‍म ‘ओह माय गॉड’ के सीक्वल की खूब चर्चा हो रही है। फिल्‍म के पहले पार्ट में परेश रावल की खूब तारीफ हुई थी जबकि वह सीक्‍वल में नजर नहीं आ रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्‍या वह वाकई ‘OMG2’ में हैं, तो उन्‍होंने कहा कि ‘नहीं… मैं वह नहीं कर रहा हूं क्योंकि मैं कंफर्टेबल नहीं हूं उससे लेकिन ‘ओएमजी 3′ मैं कर रहा हूं क्योंकि वो विषय मेरा पसंदीदा विषय है। ओएमजी 3 मैं करूंगा।’

तूफान’, ‘हंगामा 2’ के बाद ‘हम दो हमारे दो’ इस साल आपकी तीसरी फिल्म है। चालीस साल के लंबे करियर में इतना सारा काम करने के बाद वो क्या चीज है जो और ज्यादा, और बेहतर काम करने को प्रेरित करती है?

जो बात आपको जिंदा रखती है, वह है अच्छा काम करने की भूख। मेरे हिसाब से अब जाकर तो एक्टर्स के लिए ऐसा सुनहरा मौका, सुनहरा समय आया है कि नई-नई कहानियां आ रही हैं। नए-नए डायरेक्टर आ रहे हैं। नए-नए ऐक्टर आ रहे हैं। इतना मजा आ रहा है काम करने में। ऊपर वाला करे कि सेहत ठीक रहे और जितना हो सके, उतना काम करें। ये भूख जो है, वही हमको जिंदा रखती है कि अच्छा काम करना है।

आप लोग एक्टिंग के मामले में खुद एक इंस्टीट्यूशन हैं, ऐसे में युवा पीढ़ी के साथ काम करते वक्त क्रिएटिव तौर पर कैसा आदान-प्रदान रहता है? जैसे, इस फिल्म में राजकुमार राव और कृति सेनन के साथ काम करने का कैसा अनुभव रहा?

नहीं… नहीं, जो एक्टर खुद को इंस्टीट्यूशन मानता है वो जल्दी मर जाता है। एक्टिंग में जितना आप जानते हैं, उससे कहीं ज्यादा है। ये अंतहीन समंदर है। ये मत समझिए कि आप उसकी गहराई तक चले गए हैं। यहां सभी से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। नई पीढ़ी के कलाकारों से तो बहुत सीखने को मिलता है। ये नई पीढ़ी कोई बोझा लेकर नहीं चलती। जैसे राजकुमार राव है, उसने कभी ये नहीं सोचा कि मेरे बॉक्स ऑफिस का क्या होगा। वे अलग किरदार करते हैं और उसे बखूबी निभाते हैं। ये जो डेयर डेविलपना है, वो सीखने को मिलता है। इनका ये जज्बा कि कुछ भी लेकर आओ। रिस्की मटीरियल उठाते हैं ये लोग। अब किसी ने सोचा था कि वरुण धवन जैसा इतना बड़ा स्टार अक्तूबर या बदलापुर जैसी फिल्म करेगा, जो कुली नंबर वन जैसी ठेठ कॉमर्शियल फिल्में करता है। कार्तिक आर्यन आपको फ्रेडी में भी दिखेंगे और धमाका में भी दिखेंगे। आयुष्मान खुराना को देख लें। ये पीढ़ी कमाल की पीढ़ी है। ये अपना काम तो करते हैं, साथ ही अच्छे प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट करते हैं। अच्छे सिनेमा को सपोर्ट करते हैं जो सबसे बड़ा काम है। राज और कृति के साथ काम करके मजा आया क्योंकि दोनों ही बड़े प्रोफेशनल और बहुत ही अच्छे एक्टर हैं।

आपकी फिल्म ‘हंगामा’ का सीक्वल लोगों को पसंद नहीं आया। आपके हिसाब से कहां चूक रह गई? बहुत से लोगों का मानना है कि ऐसी उम्दा फिल्मों को छेड़ना ही नहीं चाहिए। आप क्या सोचते हैं?

‘हंगामा 2’ की मेकिंग में कोई कमी नहीं थी। मेरे हिसाब से वह बहुत ही खूबसूरती से शूट की गई पिक्चर थी लेकिन कभी-कभी बात नहीं बन पाती है। कई बार लोगों का टेस्ट थोड़ा-बहुत बदल गया जाए तो दिक्कत आ जाती है। लेकिन हां, मैं ये मानता हूं कि जब आप सीक्वल बनाते हैं तब और मेहनत करनी चाहिए और जोर लगाना चाहिए। जैसे राजकुमार हिरानी ने लगाया, मुन्ना भाई एमबीबीएस के बाद लगे रहो मुन्ना भाई में। उसको एक अलग ही मुकाम पर लेकर गए थे।

आप 80 के दशक से इंडस्ट्री का हिस्सा हैं। इधर एक-डेढ़ साल में इंडस्ट्री में ड्रग को लेकर जो आरोप लग रहे हैं। आपकी उस पर क्या राय है? क्या इससे इंडस्ट्री की छवि पर असर पड़ रहा है?

देखिए, बॉलीवुड वाले जो हैं, वे आसान टार्गेट हैं क्योंकि मीडिया वालों को बहुत अच्छी हेडलाइन मिल जाती है कि परेश रावल ने ये किया है। अब परेश रावल की जगह आप बोलो कि मनु भाई ने किया तो हेडलाइन नहीं बनती है।

फिल्मवालों का जैसे ही नाम आता है, हेडलाइन में चमक आ जाती है, तड़का आ जाता है। वरना हर इंडस्ट्री में ये सब होता है यार, बॉलीवुड को ही क्यों पकड़ते हो आप? मुझे एक इंडस्ट्री दिखाइए जो अच्छी है, जहां पर कोई दिक्कत न हो, जहां कोई विवाद न हो। समाज ये कहेगा कि बॉलीवुड वालों की वजह से ये हो रहा है पर आपको ये भी देखना होगा कि कितनी सारी चीजें हैं। जहां जाओगे, वहां पर कुछ न कुछ दिखेगा।

-एजेंसियां