आगरा जनपद के प्राचीन तीर्थ बटेश्वर में हर वर्ष लगने वाले प्राचीन ऐतिहासिक प्रमुख मेला का आयोजन पिछले 2 नवंबर से किया जारहा है। पशु मेला खत्म होने के बाद लोक मेले की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है एकाशी पर्व पर दर्जनों साधु संतों ने परिक्रमा कर करतब दिखाए और यमुना में शाही स्नान किया सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस पूरी तरह से तैनात रही।
जानकारी के अनुसार बाह ब्लॉक क्षेत्र के अंतर्गत तीर्थ धाम बटेश्वर में 375 वर्ष पुराने प्राचीन उत्तर भारत के प्रमुख मेला श्री बटेश्वर नाथ का आयोजन 2 नवंबर से जिला पंचायत द्वारा किया जा रहा है।आपको बता दें सन 1646 में तत्कालीन भदावर नरेश बदन सिंह ने बटेश्वर मेला का आगाज किया था।
जानकारों की माने तो बटेश्वर नरेश के भोलेनाथ की कृपा से लड़की का लड़का बनने पर महाराज भदावर द्वारा प्राचीन समय में यमुना किनारे भगवान शिव के श्रंखला वृद्ध 101 मंदिरों का निर्माण कराया गया था। सबसे प्राचीन समय से तीर्थ धाम बटेश्वर में लगातार विशाल मेले का आयोजन किया जा रहा है मेले में पहला चरण बैल गाय एवं दूसरा चरण घोड़े ,ऊंट, गधे ,खच्चर अन्य पशुओं एवं तीसरा चरण लोक मेले का किया जाता है। तीर्थ धाम बटेश्वर में पिछले दिनों से आयोजित पशु मेला समाप्त होने के बाद लोक मेले की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं दर्जनों की संख्या में दूरदराज से लोक मेले में दुकानदार अपनी दुकानें लगाने पहुंचे हैं।
वही रविवार को एकादशी पर्व पर साधु संतों का शाही स्नान प्रारंभ हो गया है। तीर्थ धाम बटेश्वर में एकादशी परम से शुरू होकर पूर्णिमा एवं दौज तक संतों का शाही स्नान किया जाएगा।
रविवार को महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 बाबा बालक दास जी नेतृत्व में दर्जनों साधुओं ने तीर्थ धाम बटेश्वर की परिक्रमा की। साधु संतों ने मुख्य महादेव ब्रह्म लाल महाराज मंदिर से परिक्रमा यात्रा शुरूकर तलवारबाजी, गदा बाजी के साथ साधुओं ने अपने-अपने एक करतब दिखाते हुए वन खंडेश्वर मंदिर होकर मुख्य मंदिर यमुना नदी के रानी घाट पहुंची।
लोक कल्याण के लिए परिक्रमा के बाद महामंडलेश्वर के नेतृत्व में दर्जनों साधुओं एवं नागा संतो ने यमुना नदी में विधिवत शाही स्नान किया। महामंडलेश्वर बाबा बालक दास के नेतृत्व में बीते कई वर्षों से तीर्थ धाम बटेश्वर में संतों का शाही स्नान होता चला रहा है।
उत्तर भारत के प्रमुख तीर्थ स्थल बटेश्वर में लगातार पांचवे कुंभ के लिए संतों की मांग चली आ रही है। साधु संतों की परिक्रमा एवं शाही स्नान के दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस व्यवस्था चाक-चौबंद रही। वही आगामी कार्तिक पूर्णिमा पर तीर्थ धाम बटेश्वर की उत्तर भारत सहित देश के अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालु बटेश्वर धाम पहुंचेंगे और यमुना नदी में डुबकी लगाकर भगवान भोले की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
तीर्थ धाम में साधु संतों ने अपने अखाड़े के साथ डेरा डाल दिया है। जिसकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए अधिकारियों सहित पुलिस की तैनाती की गई है और लगभग मेला क्षेत्र में 17 चौकियां पुलिस की बनाई गई है। जिन पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। मेला परिसर में जगह जगह झूलों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम रासलीला, कृष्ण लीला, रामलीला सहित अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम जिला पंचायत द्वारा कराए जा रहे हैं।
रिपोर्ट: नीरज परिहार
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