अमिताभ जन्मदिन पर बोले राइटर सलीम खान, अब उन्हें ग्रेसफुली रिटायर हो जाना चाहिए

Entertainment

मुंबई। अमिताभ बच्चन को अब रिटायर हो जाना चाहिए। जिंदगी में जो कुछ अचीव करना था वह उन्होंने अचीव कर लिया है। जिंदगी में कुछ साल सिर्फ अपने लिए भी होने चाहिए। कद्दावर राइटर सलीम खान ने अमिताभ बच्चन को जन्मदिन की मुबारकबाद के साथ बड़े प्यार से यह दिल की बात बताई है।

अमिताभ के इस जन्मदिन पर सलीम खान ने बताया कि अमिताभ ने सर्वोत्तम पारी खेल ली है। जो कुछ अचीव करना था, वह सब अचीव कर लिया है । बहुत अच्छा काम किया है इसलिए अब वह का की भागदौड़ से मुक्त हो सकते हैं। उन्हें बहुत ग्रेसफुली रिटायर हो जाना चाहिए।

अपना नजरिया बताते हुए सलीम ने कहा कि रिटायरमेंट की व्यवस्था इसलिए तो थी कि आदमी कुछ साल अपनी मर्जी के मुताबिक सिर्फ अपने लिए ही जी ले। शुरू की जिंदगी पढ़ने और कुछ बनने में गुजर जाती है। बीवी-बच्चों की जिम्मेदारी होती है। पर बाद में आदमी रिटायर होता है। कुछ लोग घूमने जाते हैं। कुछ अपने तरीके से वक्त गुजारते हैं।

जैसे आज मेरी भी एक बहुत छोटी पर बहुत अलग सी दुनिया है। मेरे साथ वॉकिंग पर आने वाले सब लोग नॉन फिल्मी बैकग्राउंड से हैं।

धर्मेंद्र के लिए स्क्रिप्ट लि‍खी थी पर अमिताभ डिजर्व करते थे

एंग्री यंग मैन के किरदार के बारे में सलीम खान ने बताया कि जैसा सब जानते है कि ‘जंजीर’ के लिए हमारी पहली पसंद धर्मेंद्र थे। पर अमिताभ ने अपने आप को साबित किया। हमें ऐसा एंग्री यंग मैन चाहिए था जिसकी खास पर्सनेलिटी हो, अच्छी आवाज हो और बहुत अच्छा एक्टर हो।

अमिताभ की उससे पहले 11 फिल्में फ्लॉप रही थीं पर इसमें कसूर अमिताभ का नहीं था। उनके लिए अच्छी कहानियां लिखी ही नहीं गई थीं। ‘जंजीर’ के बाद वह सेट हो गए। हमने एक के बाद एक 15 फिल्में साथ में कीं। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

कमजोर हीरो नहीं चाहते थे

हम एंग्री यंग मैन को लाए। उससे पहले के हीरो कमजोर थे ‘मालिक मुझे माफ कर दो’ ऐसा बोलते रहते थे। हमने सोचा कि अच्छे की जय अंत में ही क्यों होनी चाहिए, अच्छों को तो फौरन और शुरू से जीतना चाहिए। एक तो कोई आदमी हो जो यह पॉजिटिवली कह दे कि ‘मैं फेंके हुए पैसे नहीं उठाऊंगा।’

अमिताभ जैसे एक्टर के लिए आज कहानी नहीं है

सलीम खान ने बताया कि पहले भी एंग्री यंग मैन का किरदार निभा सके ऐसे हीरो थे। आज भी हैं, लेकिन आज अमिताभ जैसे एक्टर के लिए कहानी नहीं हैं। हमारी फिल्में टेक्‍नीकली बहुत अच्छी हुईं, एक्शन अच्छा हुआ, म्यूजिक अच्छा हुआ पर हमारे पास अच्छी स्क्रिप्ट्स नहीं हैं।

-एजेंसियां