मुंबई। अभिनेता शाहरुख ख़ान का बेटा आर्यन ख़ान लगभग एक महीने बाद आज मुंबई की आर्थर रोड जेल से रिहा हो गया है. उसे एक क्रूज़ शिप पार्टी से ड्रग मामले में गिरफ़्तार किया गया था.
जेल के बाहर मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ था और सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी भी मौजूद थे. आर्यन ख़ान को जेल से निकलते ही तुरंत गाड़ी में बैठाया गया और वो रवाना हो गया.
गुरुवार को 23 साल के आर्यन ख़ान को बॉम्बे हाई कोर्ट ने तीन दिनों तक चली सुनवाई के बाद ड्रग मामले ज़मानत दे दी थी लेकिन एक रात और उसे जेल में गुज़ारनी पड़ी थी.
ज़मानत से जुड़े दस्तावेज़ समय पर नहीं मिल पाने के कारण ऐसा हुआ. जेल प्रशासन को शनिवार सुबह 5:30 बजे ये दस्तावेज दिए गए, जिसके बाद आर्यन ख़ान की रिहाई हुई.
आर्यन ख़ान को नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी NCB ने दो अक्टूबर के दिन एक क्रूज़ शिप पार्टी से गिरफ़्तार किया था. इस मामले में 20 लोग गिरफ़्तार किए गए हैं जिनमें आर्यन ख़ान अभियुक्त नंबर एक है.
ड्रग मामले में आर्यन ख़ान के साथ गिरफ़्तार किए गए अरबाज़ मर्चेंट और मॉडल मुनमुन धमीचा को भी ज़मानत मिल गई है.
कोर्ट की शर्तें
कोर्ट ने ज़मानत के साथ 14 शर्तें भी रखी हैं, जिनका उल्लंघन होने पर ज़मानत रद्द हो जाएगी.
इन शर्तों में एक लाख का मुचलका भरने से लेकर इस तरह के किसी भी मामले से बचने की हिदायत शामिल है. इसके अलावा सभी अभियुक्तों को अपना पासपोर्ट स्पेशल कोर्ट में जमा कराना होगा.
हर अभियुक्त को एक लाख रुपये का मुचलका भरना होगा.
अभियुक्तों को इस बात का खयाल रखना होगा कि इस तरह के किसी मामले में दोबारा शामिल ना हों.
अभियुक्त किसी भी सह-अभियुक्त से संपर्क नहीं करेंगे, या इस मामले में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल किसी भी व्यक्ति से किसी भी तरीक़े से संपर्क करने की कोशिश नहीं करेंगे.
ये मामला जब तक एनडीपीएस की स्पेशल कोर्ट के पास है तब तक अभियुक्त ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे इस केस पर कोई असर पड़े.
अभियुक्त सीधे या किसी के ज़रिए गवाहों और सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं करेंगे.
सभी अभियुक्तों को अपना पासपोर्ट स्पेशल कोर्ट में जमा करना होगा.
अभियुक्त इस केस को लेकर टेलीविजन, प्रिंट या सोशल मीडिया पर भी कोई बयान या टिप्पणी नहीं देंगे.
एनडीपीएस के स्पेशल जज की अनुमति के बिना अभियुक्त देश से बाहर नहीं जाएंगे.
मुंबई से बाहर जाने के लिए अभियुक्तों को जांच अधिकारी को सूचित करना होगा और उन्हें ज़रूरत की जानकारियां उपलब्ध करानी होंगी.
अभियुक्तों को हर शुक्रवार 11 बजे से दोपहर दो बजे के बीच एनसीबी के दफ़्तर जा कर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी.
जब तक कोई ज़रूरी कारण न हो, कोर्ट में सुनवाई की हर तारीख पर अभियुक्तों को उपस्थित होना होगा.
एक बार जब केस का ट्रायल शुरू हो जाए तो अभियुक्त किसी भी तरह ट्रायल में देरी का कारण नहीं बनेंगे.
जब भी जांच के लिए एनसीबी अभियुक्तों को बुलाएगी, उन्हें उपस्थित होना होगा.
इन शर्तों का उल्लंघन होने पर ये ज़मानत रद्द हो जाएगी.
आर्यन ख़ान और अन्य अभियुक्तों पर एनडीपीएस अधिनियम की धारा8 (सी) के साथ 20बी (खरीद), 27 (खपत), 28 (अपराध करने का प्रयास), 29 (उकसाना और साज़िश) और 35 (दोषपूर्ण मानसिक स्थिति का अनुमान) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
-एजेंसियां
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