देश की सर्वोच्च अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने यस बैंक के फाउंडर की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। जमानत याचिका की सुनवाई करचे हुए कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले ने पूरे देश के बैंकिंग सिस्टम को हिला कर रख दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने राणा कपूर को राहत देने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राणा कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत याचिका पर विचार करने से साफ इनकार कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि इस मामले ने पूरे देश के बैंकिंग और फाइनेंशियल सिस्टम को हिलाकर रख दिया था। उन्हें राहत नहीं मिल सकती है। आपको बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राणा कपूर तीन साल से जेल में है। साल 2020 में सीबीआई और ईडी ने उनके खिलाफ रिश्वत, भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के कई मामले दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया था।
क्या था Yes Bank का मामला?
यस बैंक घोटाले में बैंक के संस्थापक राणा कपूर और उनके परिवार के सदस्यों ने 100 से अधिक छोटी-छोटी कंपनियां बनाकर रकम को ट्रांसफर किया। इसके साथ ही राणा ने अपनी पत्नी के मालिकाने हक वाली कंपनी को 87 करोड़ रुपये बतौर गिफ्ट दे दिए। इस मामले में राणा कपूर समेत कई लोगों की गिरफ्तारी हुई।
मार्च 2020 में आरबीआई ने मुश्किल वक्त से गुजर रहे यस बैंक को रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम के तहत अपने AT1 बॉन्ड्स को राइट ऑफ करने का आदेश दिया। आरबीआई ने ये फैसला बैंक को बचाने के लिया, क्योंकि बैंक के पास पैसा बचा नहीं था कि वो बॉन्ड धारकों का भुगतान कर सके।
आरबीआई की सहमति से यस बैंक ने 8,415 करोड़ रुपये के AT-1 बॉन्ड्स को बट्टे खाते में डालते हुए उसकी वैल्यू जीरो कर दी। इन बॉन्ड में निवेश करने वाले लोगों के करोड़ों रुपये स्वाहा हो गए। हालांकि ये मामला कोर्ट में पहुंच गया।
Compiled: up18 News