मुशाल ने दावा किया कि कश्मीर और फलस्तीन दोनों ही जगहों पर लोगों को दबाया जा रहा है और उन्हें मूलभूत मानवाधिकारों को नहीं दिया जा रहा है। सऊदी अरब में ओआईसी की महिला कान्फ्रेंस में मुशाल ने कहा कि जब शांति और अहिंसा की आवाजें मार दी जाती हैं, फांसी पर लटका दी जाती हैं, जेल में डाल जाती हैं या उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाता है तो दबे कुचले लोगों के पास हिंसा के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचता है। मुशाल ने दावा किया कि इस भयावहता के बीज को हमने अपने हाथों से बोया है।
ओआईसी से लगाई यासिन मलिक की जिंदगी की गुहार
मुशाल ने चेतावनी दी कि शांति को मौका नहीं देकर विश्व शांति व्यवस्था ध्वस्त होने जा रही है जो कश्मीर और फलस्तीन विवाद के शांतिपूर्ण समाधान से जुड़ी हुई है। मुशाल ने दावा किया कि जम्मू कश्मीर और फलस्तीन में मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को उनका हक नहीं दिया जा रहा है।
जेकेएलएफ आतंकी की पत्नी मुशाल ने कहा, ‘मैं ओआईसी के नेतृत्व से अनुरोध करती हूं कि वे मेरे पति की जिंदगी को बचाने के लिए की गई मेरी अपील पर ध्यान दें।’ बता दें कि कश्मीरी आतंकी यासिन मलिक को दिल्ली की एक अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है।
मुशाल इजरायल के खिलाफ आरोप तो लगा रही हैं लेकिन हमास की ओर से बंधक बनाए गए लोगों पर कुछ नहीं कहा। इस बीच इजरायल की सैन्य खुफिया इकाई और इजरायली सुरक्षा एजेंसी (आईएसए) ने मोटे तौर पर अनुमान लगाया है कि हमास के कब्जे में 7 अक्टूबर को अगवा किए गए 180 बंधक हैं।
अनुमान में कहा गया है कि बंधकों में से 40 फ़िलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद की और 20 अन्य इस्लामी समूहों की हिरासत में हैं। देश की खुफिया एजेंसियों ने इजरायल की युद्ध कैबिनेट और इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) को यह जानकारी दी है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इजरायल ने यह जानकारी अमेरिका को दे दी है, जो संकट के समाधान के लिए कतर में मध्यस्थता कर रहा है।
Compiled: up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.