दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनी FTX दिवालिया हुई

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दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनी चलाने वाले कंपनी के चीफ़ एक्जीक्यूटिव सैम बैंकमैन-फ्राइड ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.
30 साल के सैम के लिए ये दुर्भाग्यजनक माना जा रहा है.

महज एक सप्ताह में एफ़टीएक्स का साम्राज्य ध्वस्त हो गया जिसकी वजह से पहले से ही मुश्किल में घिरे क्रिप्टो बाज़ार का आत्मविश्वास हिला हुआ है.

किंग ऑफ़ क्रिप्टो के नाम से मशहूर सैम ने ट्विटर पर लिखा, “मैं एक बार फिर से माफ़ी मांगता हूं कि हम यहां पहुंच गए. उम्मीद है कि चीज़ें बेहतर होने का रास्ता मिलेगा. उम्मीद है कि हम इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और भरोसा ला पाएंगे.”

“जिस तरह से चीज़ें हुई हैं उससे मैं हैरान हूं.”
कंपनी डूबने से पहले सैम बैंकमैन क्रिप्टो बाज़ार के सितारों में से एक थे.

उनकी तुलना दिग्गज निवेशक वॉरेन बफ़ेट से हो रही थी. उनकी कुल संपत्ति करीब 15 अरब डॉलर के क़रीब है.
ऐसी अफ़वाहें भी फैलीं कि इस सप्ताह की शुरुआत में सैम के मालिकाना हक वाली एफटीएक्स और अन्य फर्मों की आर्थिक स्थिति बिगड़ी थी तभी एक साथ बड़ी संख्या में ग्राहकों ने एफटीएक्स से पैसे निकालने की कोशिश शुरू कर दी.

एफटीएक्स का इस्तेमाल डिजिटल टोकन खरीदने और बेचने में होता था.

कैश की कमी को देखते हुए सैम ने बेलआउट का इंतजाम करने की कोशिश की लेकिन वो नाकाम रहे. इससे एफटीएक्स में कई ग्राहकों के पैसे फंस गए, जिसे अब वो निकाल नहीं पा रहे.

दिवालिया घोषित करने की अर्जी देने के बाद कंपनी अदालत की निगरानी में चलती रह सकती है और अपने कर्ज़ को रीस्ट्रक्चर कर सकती है.

-एजेंसी