विश्व प्रसन्नता दिवस आज, भागदौड़ भरी दुनिया में कुछ पाने के लिए लोग खोते जा रहे हैं बहुत कुछ

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आज जब हम संतोषम् परम सुखम् के सुभाषित वाक्‍य को भूलते जा रहे हैं तब चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कुराहट पाने की सारी कवायद, उसके बाद भी परेशान रहता है इंसान। खुशी, प्रसन्नता या फिर मुस्कान जो भी नाम दें, बस इसी की चाहत में जिस रास्ते पर हम निकले थे, वह रास्ता भी हमें खुशी की मंजिल से दूर करता जाता है। मौजूदा दौर में यह बातें ज्यादातर लोगों के मन में उठती रहती हैं,अब सवाल उठता है कि आखिर आज के दिन ऐसी बातें क्यों की जा रही है, तो आपको बता दें कि आज यानी 20 मार्च के दिन अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है।

आज के दिन को विश्व खुशी दिवस भी कहा जाता है। जो प्रसन्नता जीवन का अभिन्न अंग है, हम उसी से आज इतना दूर होते जा रहे हैं कि हमें वर्ष में 1 दिन अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस के रूप में मनाना पड़ता है। भागदौड़ भरी दुनिया में कुछ पाने के लिए लोग बहुत कुछ खोते जा रहे हैं।

बताया जा रहा है कि इस बार संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस की थीम फिर से खुशियों का निर्माण करें रखी है। इस बार दुनिया को कोरोना वायरस की महामारी से उबारने पर जोर दिया जा रहा, क्योंकि इस महामारी ने लोगों को हर स्तर पर परेशान किया है।

भूलते जा रहे हैं संतोषम परम सुखम

हम भूलते जा रहे हैं संतोषम परम सुखम की बात। यही सबसे बड़ा कारण है प्रसन्न न रहने का।वह बताते हैं कि लोग अपने से ज्यादा समृद्ध लोगों को देखकर तुलना करते हैं,इस वजह से परेशान रहते हैं।

प्रसन्नता अंदर की चीज

प्रसन्नता बाहर की चीज नहीं है बल्कि अपने अंदर प्रसन्नता को पाया जा सकता है।

दूसरे के चेहरे पर खुशी देखकर आती है प्रसन्नता

दूसरे के चेहरे पर खुशी देखकर प्रसन्नता मिलती। वह प्रसन्नता में सबसे बड़ा बाधक आगे बढ़ने की चाहत को मानते हैं। वह बताते हैं कि अपने आप को आगे बढ़ाने के लिए स्केल में बांध लेता है,जो समस्या का बड़ा कारण है।

हर दिन प्रसन्नता का

भारतीय संस्कृति में हर दिन प्रसन्नता का है। हमारे देश की संस्कृति हर दिन उत्साहवर्धन करने वाली संस्कृति है। यहां हर दिन प्रसन्नता दिवस है।

संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली ने दिया था प्रस्ताव

प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस (International Day of Happiness) मनाया जाता है। इस बार 2021 की थीम है ‘Happiness For All Forever’।

संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली ने 12 जुलाई 2012 को प्रस्ताव 66/281 के तहत हर वर्ष 20 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस मनाने की घोषणा की थी। इस प्रस्ताव को भूटान ने प्रस्तुत किया था। अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस की अवधारणा भूटान के सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता (Gross National Hppiness- GNH) संकल्पना पर आधारित है। 1970 के दशक में भूटान के प्रधानमंत्री जिग्मे वाई थिनले ने सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता- GNH की संकल्पना दी थी। भूटान विश्व का एक ऐसा देश है जो 1970 से ही राष्ट्रीय आय की तुलना में राष्ट्र की खुशहाली को तरजीह देता आया है।

2015 में यूएन ने 17 सतत विकास लक्ष्यों को लॉन्च किया जिसमे तीन प्रमुख पहलुओं पर बल दिया गया (गरीबी को समाप्त करने, असमानता को कम करना और हमारे ग्रह की रक्षा करना) है। ये हमें कल्याण और खुशी की ओर ले जाते हैं।


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