सरकार ने क्यों रद्द किया राजीव गांधी फाउंडेशन का FCRA लाइसेंस?

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FCRA क्‍या है और क्या हैं विदेशी चंदा पाने के नियम?

FCRA यानी विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम। इस कानून के जरिए विदेशी चंदे का रेगुलेशन होता है।

FCRA पहली बार 1976 में अस्तित्‍व में आया। 2010 में नियम बदले गए।

भारत में मौजूद वे सारे एसोसिएशन, समूह और गैर-सरकारी संगठन (NGOs) जिन्‍हें विदेश से चंदा चाहिए, उन्‍हें FCRA की कसौटी पर खरा उतरना पड़ता है।

ऐसे सभी NGOs के लिए FCRA रजिस्‍ट्रेशन अनिवार्य है। रजिस्‍ट्रेशन पांच सांल के लिए वैध होता है, उसके बाद इसे रिन्‍यू कराया जा सकता है।

रजिस्‍टर्ड संस्‍थाओं को सामाजिक, शैक्षिक, धार्मिक, आर्थिक और सांस्कृतिक कारणों के लिए विदेशी चंदा लेने की अनुमति है।

सभी को सालाना रिटर्न फाइल करने होते हैं।

MHA की गाइडलाइंस

2015 में MHA ने नई गाइडलाइंस जारी कीं। सभी NGOs के लिए या तो सरकारी या प्राइवेट बैंक में खाते होना अनिवार्य है ताकि सुरक्षा एजेंसियों को रियल टाइम एक्‍सेस मिल सके।

अब सारे NGOs को यह प्रमाण देना पड़ता है कि विदेशी फंडिंग से भारत की संप्रभुता और अखंडता खतरे में नहीं पड़ेगी

मित्र देशों संग रिश्‍तों पर नकरात्‍मक असर नहीं पड़ेगा
सांप्रदायिक सद्भाव को कमजोर नहीं करेगी

FCRA रजिस्‍ट्रेशन कब रद्द होता है?

FCRA ऐक्‍ट के अनुसार जांच के बाद संतुष्‍ट होने पर केंद्र सरकार प्रमाण पत्र रद्द कर सकती है, बशर्ते-

FCRA रजिस्‍ट्रेशन या उसके रीन्‍यूअल के लिए आवेदन करते वक्‍त वक्‍त गलत या झूठी जानकारी दी गई हो

रजिस्‍ट्रेशन होल्‍डर ने नियम और शर्तों का उल्‍लंघन किया हो या केंद्र सरकार की राय में ऐसा करना जनहित में जरूरी हो

रजिस्‍ट्रेशन होल्‍डर ने FCRA के प्रावधानों या नियमों या उसके अधीन बनाए गए आदेश में से किसी का भी उल्लंघन किया हो

रजिस्‍ट्रेशन होल्‍डर लगातार दो वर्षों तक समाज के लाभ के लिए अपने चुने हुए क्षेत्र में किसी भी उचित गतिविधि में लिप्त नहीं रहा हो या मृत हो गया हो

केंद्र सरकार जांच जारी रहते हुए भी 180 दिनों के लिए NGO का रजिस्‍ट्रेशन रद्द कर सकती है। NGO के फंड्स भी फ्रीज किए जा सकते हैं। सरकार के सभी आदेशों को हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।

FCRA रजिस्‍ट्रेशन रद्द या सस्‍पेंड होने पर क्‍या होता है?

FCRA के मुताबिक, सर्टिफिकेट कैंसिलेशलन का ऑर्डर तब तक जारी नहीं किया जा सकता, जब तक संबंधित व्‍यक्ति या NGO को पर्याप्‍त सुनवाई का मौका नहीं दिया गया हो। एक बार NGO का रजिस्‍ट्रेशन रद्द हुआ तो अगले तीन साल तक फिर से रजिस्‍ट्रेशन नहीं करा सकते।

क्‍या है राजीव गांधी फाउंडेशन?

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर 1991 में RGF बनाया गया। सोनिया गांधी इसकी चेयरपर्सन हैं। इसके बोर्ड में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल हैं। RGF की वेबसाइट के अनुसार, यह फाउंडेशन ‘स्‍वास्‍थ्‍य, साक्षरता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिला एंव बाल कल्‍याण जैसे गंभीर मुद्दों पर’ काम कर चुका है।

रजिस्‍ट्रेशन कैंसिल होने के पीछे क्‍या वजह हो सकती है?

बीजेपी ने अगस्‍त 2020 में राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग को लेकर सनसनीखेज दावे किए थे। आरोप था कि राजीव गांधी फाउंडेशन को PNB घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी की कंपनियों से डोनेशन मिलता रहा।

बीजेपी ने कहा था कि RGF को जाकिर नाइक, यस बैंक के राणा कपूर और जिग्‍नेश शाह से भी डोनेशन मिला। उसी के बाद गृह मंत्रालय ने जांच शुरू की। पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट) की जांच चल ही रही थी।

पहले भी राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी सरकार से मदद मिलने पर विवाद हो चुका है। फाउंडेशन की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक साल 2005-06 में राजीव गांधी फाउंडेशन को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सरकार और चीनी दूतावास से दो अलग-अलग दानकतार्ओं से दान मिला। चीनी दूतावास को सामान्य दाताओं की सूची में रखा गया है।

RGF का रजिस्‍ट्रेशन कैंसिल, आगे क्‍या होगा?

केंद्र सरकार की ओर से अगस्‍त में जारी अधिसूचना के मुताबिक, गृह मंत्रालय के पंजीकरण निलंबन या रद्द करने के आदेश से संतुष्ट नहीं होने पर NGO ऑनलाइन समीक्षा याचिका दायर कर सकता है। आदेश की सूचना दिए जाने की तारीख से एक साल के भीतर संशोधन आवेदन दायर किया जा सकता है। अपने संशोधन आवेदन में, एनजीओ को यह उल्लेख करना होगा कि वह संशोधन की मांग क्यों कर रहा है और इससे संबंधित यदि कोई दस्तावेज है, तो वे भी सौंपे जा सकते हैं। इसके लिए तीन हजार रुपये का शुल्क देना होगा। पहले यह शुल्क 1,000 रुपये था और डिमांड ड्राफ्ट या चेक के जरिए दिया जाता था। हाई कोर्ट जाने का विकल्‍प भी खुला है।

Compiled: up18 News