केरल की पूर्व मंत्री शैलजा ने मैग्सेसे अवार्ड लेने से क्‍यों कर दिया मना?

अन्तर्द्वन्द

केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और सीपीएम की वरिष्ठ नेता केके शैलजा का चुनाव 2022 के प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे पुरस्कार के लिए किया गया था, लेकिन पार्टी द्वारा रोके जाने के चलते उन्हें यह सम्मान ठुकराना पड़ा है।

सीपीएम ने शैलजा से कहा कि रेमन मैग्सेसे पुरस्कार उसकी विचारधारा के खिलाफ है इसलिए वह पुरस्कार नहीं ले सकतीं। सीपीएम के इस फैसले को दो दशक पहले अनुभवी नेता ज्योति बसु के लिए प्रधानमंत्री पद ठुकराने के बाद दूसरी “ऐतिहासिक भूल” कहा जा रहा है।

‘रेमन मैग्सेसे कम्युनिस्टों के बहुत मशहूर उत्पीड़क थे.’ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने यह कहकर केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा को मैग्सेसे अवार्ड स्वीकार करने से मना कर दिया. रेमन मैग्सेसे अवार्ड फाउंडेशन ने कुछ हफ्ते पहले केके शैलजा को 64वें मैग्सेसे पुरस्कार के लिए चुना था. उन्हें केरल में पहले निपाह के प्रकोप के दौरान और बाद में कोविड-19 महामारी के दौरान एक स्वास्थ्य मंत्री के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को लेकर चुना गया था.

फिलीपींस में कम्युनिस्टों के उत्पीड़क थे मैग्सेसे’ 

पार्टी के आदेश के बाद सीपीएम की केंद्रीय समिति की सदस्य केके शैलजा ने मैग्सेसे अवार्ड को ठुकरा दिया. सीपीएम ने कहा कि रेमन मैग्सेसे कम्युनिस्टों के बहुत मशहूर उत्पीड़क थे और केरल में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई सामूहिक थी. सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ( Sitaram Yechury) ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने फिलीपींस में कम्युनिस्टों के ‘ज्ञात उत्पीड़क’ रेमन मैग्सेसे के नाम पर एक पुरस्कार को खारिज कर दिया था.

येचुरी ने कहा, ” केके शैलजा को एक व्यक्ति के रूप में चुना गया था, लेकिन कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई किसी एक व्यक्ति की उपलब्धि नहीं थी. आमतौर पर, मैग्सेसे पुरस्कार को राजनीतिक नेताओं के लिए नहीं माना जाता है.” उन्होंने कहा, “रेमन मैग्सेसे कम्युनिस्ट विरोधी थे.”

केके शैलजा ने किया पार्टी के फैसले का बचाव

केके शैलजा ने पार्टी के फैसले का बचाव किया. उन्होंने तिरुवनंतपुरम में कहा, “मैं एक राजनीतिक नेता हूं. आम तौर पर यह पुरस्कार राजनीतिक नेताओं को नहीं दिया जाता है. इस संदर्भ में मैंने पार्टी नेतृत्व के साथ इस मामले पर चर्चा की और फिर पुरस्कार फाउंडेशन को सूचित किया कि मैं पुरस्कार प्राप्त करने के लिए तैयार नहीं हूं.” केरल के कोविड -19 की पहली लहर के प्रबंधन खासकर सक्रिय और प्रारंभिक ट्रैकिंग, परीक्षण और उपचार पर जोर ने अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की थी. उस दौरान स्वास्थ्य मंत्री के रूप में शैलजा ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

क्या पिनाराई विजयन के चलते किया इनकार

सीपीएम ने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि केके शैलजा की बढ़ती लोकप्रियता के कारण पार्टी नेतृत्व ने उन्हें मैग्सेसे पुरस्कार को अस्वीकार करने का आदेश दिया. इसके अलावा यह धारणा है कि वह एक उभरती हुई नेता थीं जो किसी समय केरल के मुख्यमंत्री के रूप में पिनाराई विजयन की जगह ले सकती थीं. सीपीएम के नए राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने कहा कि एक कम्युनिस्ट नेता को मैग्सेसे पुरस्कार देने के कदम के पीछे एक साजिश थी. उन्होंने कहा, “मैगसेसे एक प्रमुख कम्युनिस्ट विरोधी थे. एक कम्युनिस्ट को उनके नाम पर पुरस्कार प्रदान करना प्राप्तकर्ता का अपमान करने का प्रयास है. शैलजा ने इसे समझा और सही निर्णय लिया.”

क्या है और क्यों दिया जाता है मैग्सेसे अवार्ड

आमतौर पर एशिया का नोबेल पुरस्कार कहा जाने वाला रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (Ramon Magsaysay Award) अपने क्षेत्र में विशेष रूप से उल्लेखनीय कार्य करने के लिए एशिया के व्यक्तियों और संस्थाओं को दिया जाता है. यह अवार्ड न्यूयॉर्क स्थित रॉकफेलर ब्रदर्स फंड के ट्रस्टियों की ओर से साल 1957 में स्थापित किया गया था. अब तक 50 से ज्यादा भारतीय लोगों को यह अवार्ड दिया जा चुका है. कोरोना महामारी के दौरान साल 2020 में अह अवार्ड स्थगित कर दिया गया था.

कौन थे रेमन मैग्सेसे? क्यों है कम्युनिस्टों का गुस्सा

यह रेमन मैग्सेसे अवार्ड फाउंडेशन की ओर से फिलीपींस सरकार की सहमति से वहां के भूतपूर्व राष्ट्रपति रेमन मैग्सेसे (1953-57) की याद में हर साल दिया जाता है ताकि उनकी साहसपूर्वक सेवा, लोकतांत्रिक समाज में व्यावहारिक आदर्शवादिता और उनके शासन को ताजा रखा जा सके. राष्ट्रपति मैग्सेसे को फिलीपींस में कम्युनिस्टों के हुकबलाहप (हुक) आंदोलन को सफलतापूर्वक हराने के लिए भी जाना जाता है.

-एजेंसी