घोर कम्युनिस्ट रहे पीयूष मिश्रा ने जब खोली कम्युनिस्टों की पोल

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पीयूष मिश्रा का नाम आते ही कम्युनिस्ट शब्द याद आ जाता है. इसके पीछे की वजह है उनका बीता हुआ समय. ये तो आप और हम अच्छे से जानते हैं कि एक समय में वो खुद कम्युनिस्ट रहे हैं. उस समय वो अभिनय से काफी दूर थे. पैरों तले जमीन तो तब खिसक गई थी, जब एक वक्त उसी दिशा में जाने वाले पीयूष मिश्रा बोल दिए- ”कम्युनिस्टों ने मेरी ऐसी-तैसी कर दी”.

एक इंटरव्यू में पीयूष मिश्रा बोले: कॉमरेड ने मेरी ऐसी तैसी कर दी. एक दौर था जब मुझे कम्युनिस्टों ने दबोचा हुआ था. ऐसा होते-होते 20 साल गुजर गए और मेरी जिंदगी के ये साल उन्होंने बर्बाद कर दिए. वो कहते रहे मां-बाप गंदी चीजें हैं. तुम्हें समाज के लिए काम करते रहना है. समाज का हिस्सा नहीं हो क्या? क्रांति लाल बत्ती पर ठहरी हुई है. काम करते रहोंगे तो तुम देखना क्रांति दौड़ते हुए आएगी.

घोर कम्युनिस्ट पीयूष मिश्रा ने कही ऐसी बात

ये किस्सा है मई 2023 का, जब पीयूष मिश्रा इंटरव्यू देने किसी शो में पहुंचे थे. आपबीती सुनाते-सुनाते वो बोल पड़े, कम्युनिस्टों ने मेरी जिंदगी के 20 साल बर्बाद कर दिए. पहली बार इंटरव्यू देखकर बड़ा चौंकानेवाले रिएक्शन थे. आगे बढ़ते-बढ़ते उन्होंने कम्युनिस्टों पर कई खुलासे कर डाले हालांकि पीयूष मिश्रा के 20 साल कैसे खराब हुए जान लेते हैं.

पीयूष मिश्रा का हर एक खुलासा पहले से ज्यादा हैरान करने वाला होता था. जब उन्होंने कहा- 20 सालों तक चुपचाप काम करता रहा. जो भी कमाकर लाता था, उनको दे देता था. आगे जाकर मां-बाप और बीवी मैंने सबको छोड़ दिया. हालांकि, देरी से सही पर उन्हें एहसास हुआ, कि वो खराब बेटा और बाप बन गए हैं.

पीयूष मिश्रा ने कहा, मैंने काफी देरी से समझना शुरू किया कि, इन चक्करों में मैंने अपना सबकुछ खो दिया है. वो फैसला था, जिसके बाद उस दुनिया को छोड़कर वो सिनेमा की तरफ बढ़ गए. अगर ये फैसला न लिया होता, तो शायद आज वो उसी राह पर होते, जिसे उन्होंने खुद की जिंदगी को खराब होने के पीछे की वजह बताया.

मोदी साहब की बहुत इज्जत करता हूं, मेरा वोट उनके नाम है’

पीयूष ने साथ ही जिक्र किया कि कैसे उनकी विचारधारा बदली. पीयूष ने अपने पुराने दिनों को याद कर कहा कि बदमाश हैं वो लोग, खून पी लिया था मेरा.
– एजेंसी