चीन ने ताइवान के उत्तर पूर्व और दक्षिण पश्चिम सीमा के पास समुद्र में कई डॉन्गफेंग बैलेस्टिक मिसाइल दागी हैं. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है. डॉन्गफेंग मिसाइल चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) इस्तेमाल करती है.
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि लॉन्च के बाद उन्होंने अपना डिफेंस सिस्टम सक्रिय कर दिया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि चीन के ‘गैर ज़िम्मेदार” क़दम ने इलाक़े में शांति को भंग कर दिया है.
चीनी सरकारी मीडिया ने भी मिसाइल लॉन्च की पुष्टि की है. उन्होंने कहा है कि पूर्वी थियेटर कमांड के रॉकेट फ़ोर्स ने ताइवान के पूर्वी किनारे पर मिसाइल दागे हैं. उन्होंने कहा कि उनका निशाना बिल्कुल सटीक था.
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता टैन कीफ़ी ने एक बयान में कहा, “ताइवान के पास पीएलए के पूर्वी थियेटर कमांड की संयुक्त ड्रिल का मक़सद अमेरिका और ताइवान की मिलीभगत को रोकना है.”
चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने मिसाइल लॉन्च के वीडियो भी जारी किए हैं.
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ शुनियांग ने कहा है कि पीएलए के ड्रिल तब तक चलते रहेंगे जब तक अमेरिका और ताइवान “अलगाववादी कार्रवाई जारी रखेंगे.”
उन्होंने कहा, “हम राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के अपने दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करना बंद नहीं करेंगे.”
अमेरिका ने भेजे युद्धपोत
चीन की कार्रवाई के बाद अमेरिकी सेना ने ताइवान के दक्षिणपूर्व समुद्र में अपना युद्धपोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन भेगा है.
नौसेना के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “यूएसएस रोनाल्ड रीगन और उसके स्ट्राइक ग्रुप फ़िलीपिंस के समुद्र में एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के समर्थन में नियमित पेट्रोल और सामान्य निर्धारित ऑपरेशन कर रहे हैं.”
मिलिट्री फ़ोर्स समस्या का हल नहीं: ताइवान
ताइवान के मेनलैंड अफ़ेयर्स काउंसिल ने कहा कि मिलिट्री फ़ोर्स समस्या का हल नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सैन्य अभ्यासों से ये तथ्य नहीं बदलेगा कि दोनों पक्ष एक दूसरे के साथ नहीं रह सकते.
इस बीच चीन और जापान के बीच होने वाली जी-7 की एक बैठक भी रद्द कर दी गई है.
चीन के कार्रवाई के कारण ताइवान आने-जाने वाले 50 विमानों को रद्द कर दिया गया है. इसमें 26 ताओयान एयरपोर्ट से आने और 25 वहाँ से जाने वाले विमान शामिल हैं.
पिछले दिनों चीन की चेतावनी के बावजूद नैंसी पेलोसी ने ताइवान की यात्रा की थी. चीन अपने वन चाइना नीति के तहत ताइवान को अपना हिस्सा मानता है. लेकिन ताइवान अपने को एक स्वतंत्र देश मानता है.
चीन ने पेलोसी की यात्रा के बाद गंभीर परिणामों की चेतावनी दी है. उसने ताइवान की सीमा के पास सैनिक अभ्यास भी शुरू किया है. चीन के कई जेट विमान लगातार ताइवान की वायु सीमा में भी घुस रहे हैं.
-एजेंसी