वर्ल्ड हेपिनेस इंडेक्स 2022 की सूची में डेनमार्क दुनिया के तीन सबसे खुश देशों में से दूसरे नंबर पर है। इसमें पहले नंबर पर फिनलैंड तथा तीसरे नंबर पर स्विटजरलैंड का नाम है। इस सूची में जगह बनाने में डेनमार्क 11वीं बार कायम रहा है। तो इस देश में आखिर ऐसा है क्या है, जो इसे इतना खुश रखता है
कई विशेषज्ञों का मानना है कि डेनमार्क के खुश रहने के पीछे यहां की संस्कृति है। यहां एक मित्रता वाला वातावरण है। विशेषज्ञ कहते हैं कि यहां ‘हाईजी’ का वातावरण है। जिसे अंग्रेजी में फन भी कहते हैं। यहां के लोगों में मित्रतापूर्ण व्यवहार पाया जाता है।
जो सभी के सेहतमंद रहने, तनाव को कम करने और सभी को खुश रखने के लिए अहम है लेकिन यही वो एक कारण नहीं है जिससे डेनमार्क दुनिया के सबसे खुश देशों में से एक है।
यहां लोगों की अधिकतर चिंताओं को दूर करने में सबसे बड़ा हाथ यहां की सरकार का है। यहां के लोगों को मुफ्त शिक्षा और मुफ्त इलाज मिलता है। यहां का पेंशन सिस्टम दुनिया में सबसे अच्छे सिस्टम में से एक है। लेकिन एक बात ये भी है कि दुनिया में सबसे अधिक टैक्स दर यहीं पर है।
यहां के लोग खुशी-खुशी टैक्स देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वो मानते हैं कि अधिक टैक्स ही एक बेहतर समाज का निर्माण करता है। यही कारण है कि चिंता करने के लिए यहां के लोगों के पास बेहद कम कारण हैं। जिससे यहां के लोग बेहद खुश रहते हैं।
यहीं पर है शदियों का द्वीप यानि डेनमार्क का एरो
डेनमार्क में शादी की आसान शर्तें हैं और एरो द्वीप पर तो सिर्फ एक दिन में शादी हो जाती है।
फ्रांस, जर्मनी और यूरोप के दूसरे देशों के अलावा दुनिया भर से लोग एक दिन के लिए एरो द्वीप पहुंचते हैं, सिर्फ शादी करने। वैसे डेनमार्क के अंदर भी सभी जगह नियम एक जैसे नहीं हैं, अलग अलग नगर पालिकाओं में अलग अलग व्यवस्था है। मिसाल के तौर पर राजाधानी कोपेनहागेन में शादी के लिए लगभग एक हफ्ते रहना पड़ता है। इसी तरह दूसरे शहरों में भी ज्यादा वक्त बिताना पड़ता है।
दस्तावेज पूरे होने पर एरो द्वीप में सिर्फ एक रात रहना अनिवार्य है। लगभग 6000 की आबादी वाले टापू पर कई एजेंसियां काम कर रही हैं, जो दुनिया भर के लोगों को दस्तावेज पूरा करने में मदद करती हैं। इनसे इंटरनेट के जरिए संपर्क किया जा सकता है। शादी की तारीख पक्की होने पर एक दिन पहले इस द्वीप पर पहुंचना होता है और मूल दस्तावेजों की जांच करानी होती है। अगले दिन नगर पालिका के दफ्तर में शहर का मेयर शादी की रस्म अदा कर देता है। इसके फौरन बाद अस्थायी सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है, जबकि पक्का सर्टिफिकेट (अपोस्टीले) लगभग दो महीने में डाक द्वारा मिल जाता है।
किन्हें शादी की इजाजतः
अगर दस्तावेज पूरे हों, तो यहां किसी को भी शादी की इजाजत है, समलैंगिकों को भी। भारत सहित दुनिया भर के कई देशों में समलैंगिक शादी की अनुमति नहीं है। कुछ देश समलैंगिकता को मान्यता देते हैं लेकिन इन्हें शादी नहीं करने देते। ऐसे लोगों के लिए डेनमार्क बिलकुल सही जगह है।
पासपोर्ट और जन्म प्रमाणपत्र जैसे जरूरी कागज हों, तो फिर किसी तरह की अड़चन नहीं आती। किसी भी देश का नागरिक एरो द्वीप पर शादी के लिए आवेदन कर सकता है और अधिकारियों का कहना है कि लगभग शत प्रतिशत मामलों में शादी हो जाती है। डेनमार्क का मानना है कि दो वयस्कों ने जब शादी का फैसला किया है, तो उनके बीच कानूनी और प्रशासनिक अडंगा लगाने की जरूरत नहीं।
-एजेंसी