164वां आयकर दिवस: वो नियम जिसने भारत सरकार की तिजोरी को भरने की शुरुआत की

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देश में इनकम टैक्स को लेकर बनाए गए कानून की नींव अंग्रेजों के जमाने में पड़ी थी, जब उनके पास धन की कमी हो गई थी। सरकार आम आदमी के इनकम से टैक्स सिर्फ इस वजह से वसूलती है ताकि समाज का विकास संभव हो। इंडिया में इनकम टैक्स का मुख्यालय नई दिल्ली में है, जो वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग के तहत कार्य करता है, और इसका नेतृत्व केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) नामक एक टॉप निकाय करता है।

आज का दिन ना सिर्फ भारत सरकार के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए खास है बल्कि आम आदमी के लिए भी स्पेशल है, क्योंकि देश के लिए इनकम टैक्स के महत्व को उजागर करने के लिए राष्ट्रीय इनकम टैक्स दिवस मनाया जाता है ताकि आम जनता समय पर टैक्स पे कर राष्ट्र निर्माण अपनी भागिदारी सुनिश्चित कर सके।

163 साल पुरानी है कहानी

वो नियम जिसने भारत सरकार की तिजोरी को भरने की शुरुआत की। आज उसकी बरसी है। आज से ठीक 163 साल पहले सर जेम्स विल्सन ने 24 जुलाई 1860 को भारत में आयकर(Income Tax) लागू किया। यह योजना 1857 के विद्रोह के दौरान ब्रिटिश शासन को हुए नुकसान की भरपाई के लिए शुरू की गई थी। जो 1922 में टैक्स कलेक्शन के सामंजस्य के लिए एक आधिकारिक संरचना या विभाग की स्थापना से पहले वर्षों तक चली थी। इसके अलावा 1922 के आयकर अधिनियम ने कई आयकर प्रशासनों के लिए एक अलग नामकरण पेश किया।

अधिनियम में 1939 में संशोधन किया गया और दो प्रमुख संरचनात्मक संशोधन किये गये। अपीलीय कार्यों को प्रशासनिक कार्यों से अलग कर दिया गया और साथ ही मुंबई (तब बॉम्बे) में एक केंद्रीय चार्ज पेश किया गया। 2010 में वित्त मंत्रालय ने इस लेवी की स्थापना के उपलक्ष्य में 24 जुलाई को आयकर दिवस के रूप में घोषित किया। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने वर्ष 2010 में मनाए जाने वाले समारोहों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि चूंकि आयकर पहली बार वर्ष 1860 में एक शुल्क के रूप में लगाया गया था और उस शुल्क को लगाने का अधिकार उसी वर्ष 24 जुलाई को लागू हुआ था, इसलिए इस दिन को इनकम टैक्स फाइलिंग डे के रूप में मनाने का प्रस्ताव लाया गया।

कितनी है अभी सरकार की इनकम टैक्स से कमाई

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए पिछले वित्त वर्ष(2022-23) की रिपोर्ट पर नजर डाले तो पता चलता है कि टोटल टैक्स कलेक्शन 16.61 लाख करोड़ रुपये हुआ था, जो उसके पिछले वित्त वर्ष(2021-222) 14.12 लाख करोड़ रुपये थी। यानि उसे पर्सेंटेज में देखें तो एक साल में टैक्स कलेक्शन में कुल 17.63% की वृद्धि आई है। इसे अगर हम वित्त वर्ष 2023-24 के जून तिमाही तक के कलेक्शन से कंपेयर कर देखें तो पता चलता है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के प्रत्यक्ष टैक्स कलेक्शन के 3.79 लाख करोड़ रुपये रही है जो पिछले वित्तीय वर्ष यानि वित्त वर्ष 2022-23 की इसी अवधि में 3,41,568 करोड़ रुपये थी। यह 11.18% की वृद्धि दर्शाता है।

-एजेंसी