जी-20 में भारत की गूंज का मुरीद हुआ पश्चिमी मीडिया, व्‍हाइट हाउस ने भी पीएम मोदी की भूमिका को सराहा

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भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता विनय क्‍वात्रा ने कहा कि पीएम मोदी का संदेश सभी प्रतिनिधियों को समझ आया और उसने विभिन्‍न पक्षों के बीच खाई को पाटने का काम किया। इस शिखर बैठक के बाद भारत को जी-20 की मेजबानी दे दी गई। भारत साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से मात्र 6 महीने पहले सितंबर 2023 में इस शिखर बैठक को आयोजित करेगा। जी-20 में भारत की इस गूंज का पश्चिमी मीडिया भी मुरीद हो गया है। यही नहीं, अमेरिकी राष्‍ट्रपति कार्यालय व्‍हाइट हाउस ने भी पीएम मोदी और भारत की भूमिका की तारीफ की है।

अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत ने बहुत अच्‍छे से रूस और पश्चिमी देशों के साथ अपने संबंधों को संतुलित किया है। रिपोर्ट में विश्‍लेषकों के हवाले से कहा गया है कि पीएम मोदी एक ऐसे वैश्विक नेता के रूप में उभर रहे हैं जिन्‍हें सभी पक्षों का समर्थन हासिल है। पीएम मोदी जहां घरेलू स्‍तर पर काफी समर्थन रखते हैं, वहीं अंतर्राष्‍ट्रीय पावर ब्रोकर के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत कर रहे हैं। सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के सुशांत सिंह कहते हैं कि भारत में जी-20 के सफल आयोजन का इस्‍तेमाल चुनाव में पीएम मोदी को एक महान वैश्विक नेता के रूप में पेश करने में किया जाएगा।

भारत पश्चिम और रूस दोनों के ही करीब

रिपोर्ट में कहा गया है कि जी-20 शिखर बैठक के दौरान पीएम मोदी ने दुनियाभर के कई नेताओं के साथ बैठक की। इसमें ऋषि सुनक भी शामिल थे जिन्‍होंने रूसी आक्रामकता की कड़ी आलोचना की। पीएम मोदी ने इस दौरान रूसी विदेश मंत्री से दूरी बनाए रखी। जेएनयू में अंतर्राष्‍ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ हप्‍पयमोन जैकोब कहते हैं कि पश्चिमी देशों के नेता भारत को गौर से सुन रहे हैं जो क्षेत्र में एक बड़ी ताकत है। भारत पश्चिम और रूस दोनों के ही करीब है। भारत का रूस के साथ संबंध कोल्‍ड वॉर के दिनों से ही है।

सीएनएन ने कहा कि भारत अत्‍याधुनिक रूसी हथियारों पर बुरी तरह से निर्भर है जो चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच बहुत जरूरी हैं। ठीक इसी समय भारत चीन के उभार को चुनौती देने के लिए पश्चिमी देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है। इससे भारत रणनीतिक रूप से बहुत मजबूत स्थिति में पहुंच गया है। लंदन के किंग्‍स कॉलेज में प्रफेसर हर्ष वी पंत कहते हैं कि भारत का जी-20 पर प्रभाव इस तरह से रहा कि वह उन कुछ देशों में शामिल है जो सभी पक्षों से बातचीत कर सकता है। भारत विभिन्‍न विरोधी गुटों के बीच पुल का काम कर सकता है।

पीएम मोदी ने पुतिन को दिया कड़ा संदेश

विश्‍लेषकों का कहना है कि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही भारत सीजफायर की मांग कर रहा है। इस भीषण युद्ध से वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था संकट में आ गई है। उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी ने पुतिन से कड़ाई से कह दिया है कि यूक्रेन युद्ध से गरीब देशों की मुश्किलें बहुत बढ़ गई हैं। जी-20 देशों की बैठक में पीएम मोदी ने यूक्रेन में जंग को रोकने और शांति की राह पर चलने की मांग की। विश्‍लेषकों का कहना है कि जी-20 की मेजबानी से पीएम मोदी को चुनाव में भी फायदा होने की उम्‍मीद है।

Compiled: up18 News