बजट पेश होने के दूसरे दिन आज ठीक 11 बजे जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, शोर-शराबा होने लगा। यह सब ऐसे समय में हुआ जब अफ्रीकी देश जांबिया से विदेश मेहमान संसद में बैठे थे। वे लोकसभा की कार्यवाही देखने आए थे और हमसे सीखने-समझने आए थे, लेकिन उन्होंने जो देखा उसकी उम्मीद शायद उन्होंने नहीं की होगी। 3-4 मिनट में ही बवाल इतना बढ़ा कि स्पीकर को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
इससे पहले जैसे ही स्पीकर ओम बिरला सदन में आए थे सदस्यों ने जोर-शोर से उनका वेलकम किया। स्पीकर ने तुरंत बताया कि वह अपनी और माननीय सदस्यों की ओर से भारत के दौरे पर आईं जांबिया गणराज्य की नेशनल असेंबली की स्पीकर माननीय सुश्री नेलीडेब टी और जांबिया के संसदीय शिष्टमंडल के सम्मानित अतिथियों का स्वागत और अभिनंदन करता हूं।
यह सुनते ही जांबिया से आए मेहमान अपनी सीट पर खड़े हो गए और मुस्कुराते हुए दोनों हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन किया। जांबिया से आई कई महिला नेताओं ने हाथ जोड़कर झुक कर भारतीय संसद के प्रति अपना आदरभाव व्यक्त किया। इस दौरान संसद में मौजूद भारतीय सांसदों ने मेज थपथपाकर उनका स्वागत किया। कैमरा उस समय विदेशी मेहमानों पर ही रहा।
विदेशी मेहमानों ने जोड़ लिए हाथ
स्पीकर जब संसद में विदेशी मेहमानों का परिचय करा रहे थे, वे हाथ जोड़े प्रणाम की मुद्रा में दिखे। ओम बिरला ने बताया कि जांबिया का संसदीय शिष्टमंडल बुधवार 1 फरवरी 2023 को भारत पहुंचा और शिष्टमंडल के सदस्य आज विशेष दीर्घा में बैठे हुए हैं। भारत से वापसी के पहले दिल्ली के अतिरिक्त शनिवार 4 फरवरी को वे आगरा का भी दौरा करेंगे। हम अपने देश में उनके सुखद और सार्थक प्रवास की कामना करते हैं। इस दौरान सदन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजने उठा। एक बार फिर जांबिया के मेहमानों ने हाथ जोड़कर सिर झुका लिया। यह नजारा टीवी पर लाइव देख रहे भारतीयों को भी गर्व की अनुभूति हो रही होगी, लेकिन आगे जो कुछ हुआ उसे रोकने की जरूरत है।
बिरला समझाते रहे पर थमा नहीं शोर
बिरला ने आगे कहा कि हम जांबिया के शिष्टमंडल के माध्यम से वहां के संसद सदस्यों, वहां की सरकार और जनता को बधाई और शुभकामनाएं देते हैं। यह कहते ही ओम बिरला ने प्रश्नकाल की घोषणा कर दी। फिर क्या था विपक्षी सदस्य शोर मचाने लगे। हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि प्रश्नकाल है प्लीज… प्रश्नकाल है और यह महत्वपूर्ण होता है और प्रश्नकाल चले इसकी चिंता सभी ने विधानमंडल के सम्मेलन में व्यक्त की थी। सभी अध्यक्षों ने कहा था कि प्रश्नकाल स्थगित नहीं होना चाहिए।
स्पीकर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप (शोर मचा रहे विपक्षी सदस्य) सदन को चलाना नहीं चाहते हैं। आप सदन की मर्यादा लांघ रहे हैं। सदन चले, अपने बुनियादी सवालों को आप उठाएं, मैं आपको पर्याप्त समय और पर्याप्त अवसर दूंगा लेकिन विपक्षी सदस्य नहीं माने। स्पीकर ने कहा कि प्लीज अपनी सीटों पर जाइए। नो, नो… कहने पर ‘हो हो’ का शोर बढ़ गया।
स्पीकर ने फिर कहा कि मैं आग्रह करता हूं कि आप अपनी-अपनी सीट पर जाकर बैठें। प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है। सदस्य सवाल पूछते हैं और समस्याएं हल होती हैं। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।
Compiled: up18 News
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