पीएम मोदी से जुड़े एक सवाल के जवाब पर गूगल को नोटिस भेजने की तैयारी

National

टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक यूज़र ने इसे लेकर पोस्ट किया था जिसके बाद आईटी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इसे गंभीरता से लिया है.

ट्विटर यूज़र के पोस्ट के जवाब में राजीव चंद्रशेखर ने संकेत दिया कि सरकार इसके ख़िलाफ़ क़दम उठा सकती है. उन्होंने लिखा, “ये आईटी एक्ट के तहत आईटी नियम 3 (1) (बी) और आपराधिक क़ानून के कई प्रावधानों का सीधा उल्लंघन हैं.”

श्रीमॉय तालुकदार नाम के एक ट्विटर यूज़र ने एक अन्य पोस्ट फॉर्वर्ड करते हुए लिखा था कि एक सवाल के जवाब में गूगल के एआई ने जो उत्तर दिया वो पूर्वाग्रह दिखाता है, सरकार को इसका संज्ञान लेना चाहिए.

क्या है मामला?

श्रीमॉय तालुकदार नाम के एक यूज़र ने एक ट्वीट फॉर्वर्ड किया था जिसमें लिखा था कि जब जैमिनी से मोदी को लेकर सवाल किया गया कि ‘क्या मोदी फासीवादी हैं’ तो उसका जवाब था कि ‘उन पर ऐसी नीतियां लागू करने का आरोप है जिन्हें कुछ जानकार फासीवादी मानते हैं.’

वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की के बारे में इसी तरह के सवाल किए गए तो एआई ने उसका साफ़-साफ़ जवाब नहीं दिया. ज़ेलेन्स्की के बारे में एआई ने लिखा, “ये सवाल जटिल है, इसका कोई सीधा-सीधा जवाब नहीं है.”

वहीं ट्रंप के बारे में पूछे गए ऐसे ही सवाल पर जैमिनी ने लिखा, “लगातार बदलती जानकारी के बीच चुनाव एक जटिल विषय है. सही और ताज़ा जानकारी मिले इसके लिए आप गूगल सर्च पर खोजने की कोशिश करें.”

अख़बार लिखता है कि ट्रंप पर दंगे भड़काने का आरोप है और अमेरिका में फिलहाल उनके ख़िलाफ़ कोर्ट में मामला चल रहा है. सूत्रों के हवाले से अख़बार लिखता है कि इस मामले को लेकर गूगल को नोटिस भेजा जा रहा है. सरकार सवाल कर रही है कि एआई को किस तरह ट्रेन किया गया है और वो किन सूत्रों के आधार पर एआई ने अपना जवाब तैयार किया है. एआई ने अपने जवाब में जिन “जानकारों” का ज़िक्र किया है वो कौन हैं.

अख़बार लिखता है कि गूगल के प्रवक्ता ने अब तक इसे लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

-एजेंसी