मथुरा। वृंदावन में सैकड़ों वर्षों से चली आ रही परंपरा को तोड़कर सोमवार को आश्रय सदनों में रह रहीं विधवा और बेसहारा माताओं ने रंगों की होली खेल अपने बेरंग जीवन में रंग भरने का प्रयास किया। इन महिलाओं में पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, बिहार और यूपी की विधवा शामिल हैं जिन्हें समाज से बहिष्कृत समझा जाता है, ऐसी महिलाओं के साथ रंग खेलकर, वृंदावन का राधा गोपीनाथ मंदिर सदियों पुरानी परंपरा के टूटने का फिर साक्षी बना।
होली कार्यक्रम का आयोजन सुलभ इंटरनेशनल (Sulabh International) ने किया था। इसमें संस्थापक बिंदेश्वरी पाठक भी शामिल हुए। उन्होंने कहा, “पहले जब मैं आया था, तब विधवा माताएं कहती थीं कि मरने का मन करता है। वहीं, अब कहती हैं कि जीने का मन करता है।”
गोपीनाथ मंदिर में इनकी होली देखने करीब 1200 देसी-विदेशी महिलाएं भी पहुंचीं। उन्होंने भी उनके साथ होली खेली। कृष्ण की भक्ति में उनकी सफेद साड़ी गुलाल के रंगों से रंगीन हो गई। वहीं, विदेशी पर्यटकों ने कहा कि ऐसा वह पहली बार देख रही हैं। उन्होंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा… इट्स अमेजिंग…। गोपीनाथ मंदिर के प्रांगण में इतने गुलाल और फूल उड़े कि फर्श पर इसकी मोटी परत जम गई।
बांके बिहारी के धाम वृंदावन के गोपीनाथ मंदिर में होली पर विधवा माताओं ने जमकर होली खेली। सुलभ इंटरनेशनल संस्था ने विधवा माताओं के लिए होली का आयोजन किया। गुलाल और फूल उड़े तो सभी ने जमकर जश्न मनाया। ‘आज बिरज में होली रे रसिया’ गीत पर सैकड़ों माताएं गुलाल उड़ा कर नृत्य करती रहीं। फर्श पर कई इंच का गुलाल पड़ा और फूलों की बरसात होती रही। महिलाएं इस कदर होली के रंगों में खो गईं कि उन्हें पता ही नहीं चला कि भजनों की धुन पर उनके पैर कब थिरकने लगे।
महिलाओं ने होली शुरू होने से पहले फाग गीत गाया। कान्हा की भक्ति में भी सभी सराबोर दिखीं। माताओं का कहना है कि ऐसे आयोजन से उनके जीवन में नई ऊर्जा आती है।
विधवा माताओं की इस होली को देखने के लिए विदेशी पर्यटक भी पहुंचते हैं। विदेशी महिलाओं ने कहा कि ऐसा उन्होंने सिर्फ वृंदावन में देखा है। यहां होली का सेलिब्रेशन अमेजिंग होता है। विदेशों से आने वाली महिला पर्यटकों के लिए विधवा महिलाओं की ये होली नया अनुभव रहा। इस दौरान उन्होंने ने भी फूलों की होली खेली।
वृंदावन में केंद्र और राज्य सरकार के अधीन महिला आश्रय सदन हैं। इसके अलावा कुछ आश्रय सदनों का संचालन सामाजिक संस्थाएं भी कर रही हैं। इन्हीं आश्रय सदनों में रहने वाली सैंकड़ों महिलाओं ने गोपीनाथ मंदिर पहुंचकर होली खेली।
जर्मनी, ग्रीस, यूएस, ऑस्ट्रेलिया से पर्यटक वृंदावन पहुंचीं
भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में होली के इस अवसर पर हर कोई रंगों से सराबोर है। ऐसे में भला आश्रय सदनों में रहने वाली विधवा और निराश्रित महिलाएं भक्ति और कृष्ण प्रेम के इन रंगों से कैसे दूर रह सकती हैं। वृंदावन के गोपीनाथ मंदिर में आज विधवाओं ने अपने आराध्य के सामने होली खेली। इस दौरान उन्होंने भक्ति के रंग में खुद को रंग लिया। इन्हें देखने के लिए चक गणराज्य, जर्मनी, ग्रीस, यूएस और ऑस्ट्रेलिया से विदेशी महिला पर्यटक पहुंची थीं।
– up18news