विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने समलैंगिक विवाह तथा उनके द्वारा दत्तक लिए जाने को कानूनी मान्यता नहीं दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है।
VHP के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें संतोष है कि सर्वोच्च न्यायालय ने हिन्दू, मुस्लिम और ईसाई मतावलंबियों सहित सभी संबंधित पक्षों को सुनने के बाद यह निर्णय दिया है कि दो समलैंगिकों के बीच संबंध विवाह के रूप में पंजीयन योग्य नहीं है। यह उनका मौलिक अधिकार भी नहीं है।
विश्व हिंदू परिषद नेता ने आगे कहा कि समलैंगिकों को किसी बच्चे को दत्तक (गोद) लेने का अधिकार ना दिया जाना भी एक अच्छा कदम है।
Compiled: up18 News