VHP यानि विश्व हिंदू परिषद ने कुतुब मीनार परिसर में प्राचीन मंदिरों को फिर स्थापित करने की मांग की है। वीएचपी ने कहा है कि अगर कोई भी हिंदू कुतुब मीनार परिसर में जाकर वहां मंदिरों में पूजा करता है तो यह उसका अधिकार है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
कुतुब मीनार मूल रूप से हिंदू स्थापत्य का उदाहरण
वीएचपी के अंतर्राष्ट्रीय जॉइंट जनरल सेक्रेटरी सुरेंद्र जैन ने कहा है कि कुतुब मीनार मूल रूप से हिंदू स्थापत्य का उदाहरण है। उसके आसपास जो भी स्मृति हैं, वह हिंदू मूर्ति हैं। लौह स्तम्भ भी हिंदू का ही बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि कुतुब मीनार के पास कुव्वतै इस्लाम मस्जिद के आगे तो आर्कियोलॉजिकल डिपार्टमेंट का बोर्ड भी लगा हुआ है। उसमें लिखा है कि इसे कई हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर बनाया गया है। लौह स्तम्भ के चारों तरफ 27 मंदिर हैं। कहीं गणेश जी की मूर्ति है, कहीं हनुमान जी की। वहां महावीर स्वामी की भी मूर्ति है।
कुतुब मीनार परिसर में पूजा करना गलत नहीं
वीएचपी नेता ने कहा कि हमारी मांग है कि उन सभी मंदिरों को फिर स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई कुतुबमीनार परिसर में जाकर वहां मंदिरों में पूजा करता है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है, यह हिंदुओं को अधिकार है और कोई भी हिंदू कह सकता है कि हम वहां जाकर पूजा करेंगे।
क्या वीएचपी ऐसी कोई योजना बना रही है कि वहां जाकर पूजा का कार्यक्रम किया जाए? इस सवाल पर जैन ने कहा कि हमारी अभी ऐसी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि काशी और मथुरा का मामला भी कोर्ट में है, उसमें वीएचपी शामिल नहीं है। समाज के हर व्यक्ति को अपनी आस्था की सुरक्षा करने का अधिकार है।
-एजेंसियां